श्रीनगर, 01 फरवरी: ( पी टी आई) जस्टिस वर्मा की सिफ़ारिशात पर इतलाक़ के वज़ीर-ए-आज़म मनमोहन सिंह के फ़ैसला की सताइश करते हुए सी पी आई( एम) की जम्मू-ओ-कश्मीर यूनिट ने आज एक अहम बयान देते हुए कहा कि सिफ़ारिशात में रियासत के इलावा शुमाल मशरिक़ी इलाक़ों में AFSPA के इतलाक़ को मूसिर अंदाज़ में नाफ़िज़ करना इंतिहाई ज़रूरी है ।
सी पी आई ( एम) के रियासती सेक्रेटरी एम वाई तरीगामी ने मीडीया नुमाइंदों से बात करते हुए कहा कि जस्टिस वर्मा कमेटी की सिफ़ारिशात पर वज़ीर-ए-आज़म के तीक़न का हम ख़ौरमक़दम करते हैं । उन्हों ने कहा कि अगर मुसल्लह अफ़्वाज के ख़ुसूसी इख़्तेयारात को बर्ख़ास्त कर दिया जाये तो रियासत में ख़वातीन की इस्मतरेज़ि के वाक़ियात बिलकुल ख़त्म हो जाएंगे।
ख़ुसूसी इख़्तेयारात ख़त्म करते हुए मुसल्लह अफ़्वाज के ख़िलाफ़ भी आम फ़ौजदारी क़ानून के तहत मुआमलात दर्ज किए जा सकते हैं जिनसे अब वो ख़ुसूसी इख़्तेयारात की वजह से गिरफ्त में नहीं आ रहे हैं । उन्होंने कहा कि शुमाल मशरिक़ी इलाक़ों में भी इन सिफ़ारिशात के मुसिर इतलाक़ की ज़रूरत है ।
दिल्ली इजतिमाई इस्मत रेज़ि वाक़िया के बाद जस्टिस वर्मा कमेटी की तशकील की गई थी ताकि जिन्सी जराइम के ख़िलाफ़ सख़्ती से निपटा जा सके ।