जम्मू-कश्मीर में बेहतर हुक्मरानी की फ़राहमी का तैक़ून

श्रीनगर

जम्मू-कश्मीर के चीफ मिनिस्टर मुफ़्ती मुहम्मद सय्यद ने आज रियासती अवाम से पर ज़ोर अपील की है कि पी डी पी ‍- बी जे पी मख़लूत हुकूमत के बारे में सब्र-ओ-तहम्मुल से काम लें और कहा कि सरकारी निज़ाम को पटरी पर लाने के लिये कुछ वक़्त दरकार होगा । उन्होंने मीडिया से बात चीत करते हुए कहा कि मख़लूत हुकूमत ने सिर्फ़ 2 माह मुकम्मल किये हैं लेकिन बाज़ लोगों का ये गुमान है कि बरसों गुज़र गए हैं क्यों कि मुरव्वजा निज़ाम में तब्दीली और इस्लाहात की ज़रूरत है और ये एक या दो दिन में नहीं किया जा सकता और इस काम की तकमील के लिये वक़्त दरकार है।

ये दरयाफ़त किये जाने पर हुर्रियत कान्फ़्रेंस लीडर मसर्रत आलम की गिरफ़्तारी कहीं बी जे पी के दबाव‌ में तो नहीं की गई है ? मुफ़्ती सय्यद ने कहा कि कोई दबाव‌ नहीं था और बाज़ मामलात नाक़ाबिल-ए-क़बूल होते हैं। ये तो मसर्रत आलम की हरकतें थीं जिस का उन्हें ख़मियाज़ा भुगतना पड़ा क्यों कि गुज़िशता माह हुर्रियत रैली में पाकिस्तानी पर्चम लहराने और क़ौम दुश्मन नारे लगाने पर अलहिदगी पसंद लीडर को मजबोरा गिरफ़्तार किया गया।

चीफ मिनिस्टर ने हफ़्ते के दिन भी ये तैक़ुन दिया था कि सय्यद अली शाह गीलानी की रैली में जिन लोगों ने पाकिस्तानी पर्चम लहराया था उनके ख़िलाफ़ भी कार्रवाई की जाएगी। अपोज़ीशन जमातों कांग्रेस और नेशनल कान्फ़्रेंस की जानिब से हुकूमत की नाकामी के इल्ज़ामात पर चीफ मिनिस्टर ने कहा कि में माज़ी को कुरेदना नहीं चाहता और में आगे की सिम्त जाना चाहता हूँ।