जम्मू-कश्मीर में महबूबा मुफ्ती से अलग हुई बीजेपी, गठबंधन खत्म, राष्ट्रपति शासन की मांग

भाजपा ने आज जम्मू-कश्मीर की महबूबा मुफ्ती सरकार से रिश्ता तोड़ लिया है। साथ ही भाजपा ने राज्य में राज्यपाल शासन की मांग की है। भाजपा का कहना है कि राज्य की स्थिति लगातार बिगड़ रही है और महबूबा ठोस कदम नहीं उठा रही, हालांकि केंद्र ने राज्य सरकार को पूरी मदद दी।

भाजपा ने सीमा पार से आतंकी गतिविधियों, पाकिस्तानी सैनिका की फायरिंग और विपक्ष के तीखे हमलों के मद्देनजर पीडीपी से अलग होने का बड़ा फसाला लिया। महबूबा मुफ्ती ने अपना इस्तीफा राज्यपाल को सौंप दिया है। इससे पहले भाजपा के मंत्रियों ने अपना इस्तीफा मुफ्ती को सौंपा।

भाजपा नेता राम माधव ने प्रैस कॉन्फ्रैंस कर कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह साथ राय के बाद ही गठबंध खत्म करने का फैसला लिया गया है।

माधव ने महबूबा मुफ्ती पर आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने भाजपा का साथ नहीं दिया घाटी व लद्दाख में विकास में बाधा भी डाली। इतना ही नहीं मुफ्ती ने मंत्रियों को भी कामकाज नहीं करने दिया। उन्होंने कहा कि हमने राज्य में शांति स्थापित करने के लिए महबूबा को मुख्यमंत्री बनाया था लेकिन वे इसे कायम नहीं कर पाईं।

बता दें इससे पहले भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर के मसले पर राज्य के नेताओं की बड़ी बैठक बुलाई थी। शाह ने जम्मू-कश्मीर सरकार में शामिल पार्टी के सभी मंत्रियों और कुछ शीर्ष नेताओं को इस बैठक में बुलाया था।

वहीं बैठक से पहले जम्मू-कश्मीर के हालात को लेकर राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल ने आज सुबह शाह से मुलाकात की और वहां के हालात की जानकारी दी। इस मुलाकात के बाद दोपहर को भाजपा-पीडीपी गठबंधन टूट गया।

भाजपा ने राज्य में राज्यपाल शासन लगाने की मांग की है। राम माधव ने कहा कि उम्मीद है कि राज्यपाल शासन से हालत सुधरेंगे। माधव ने कहा कि राज्यपाल शासन के बावजूद आतंकियों के खिलाफ सुरक्षाबलों का ऑपरेशन ऑल आउट जारी रहेगा।