जम्मू कश्मीर में मुस्लिम बहुमत की अल्पसंख्यक स्थिति पर केंद्र को सुप्रीम कोर्ट का नोटिस

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका पर केंद्र को नोटिस जारी किया कि जम्मू-कश्मीर में जब मुसलमान बहुमत में हैं इसलिए उन्हें अल्पसंख्यक कल्याण के लिए केंद्र सरकार की योजनाओं का लाभ प्राप्त करने के लिए अवसर नहीं दिया जाना चाहिए। चीफ जस्टिस तीरथ सिंह ठाकुर की अध्यक्षता में एक डिवीजन बेंच ने याचिकाकर्ता अंकुर शर्मा की जनहित याचिका की सुनवाई के बाद केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया।

शर्मा ने कहा कि जम्मू कश्मीर की आबादी में मुसलमानों का अनुपात 68 प्रतिशत है इसलिए वह अल्पमत में होने का दावा नहीं कर सकते। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार के अलावा जम्मू-कश्मीर की राज्य सरकार और राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग को भी नोटिस जारी किए हैं। याचिकाकर्ता ने प्रधानमंत्री के 15 सूत्री कार्यक्रम के दिशा निर्देशों के तहत राज्य में अल्पसंख्यकों के कल्याण की पेशकश का लाभ रद्द कराने में सुप्रीम कोर्ट से हस्तक्षेप का अनुरोध किया है.

मिसटर शर्मा ने अदालत को यह भी बताया कि राज्य में कोई राज्य अल्पसंख्यक आयोग मौजूद नहीं है. सुप्रीमकोर्ट ने बहरहाल उत्तरी राज्य में बहुमत हासिल केंद्रीय योजनाओं के लाभ को ब्लॉक करने का कोई अंतरिम आदेश जारी करने से इनकार कर दिया।