जम्मू कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने भी यहां रोहिंग्या के बसे होने की पुष्टि की है। न्यूज एजेंसी ANI के मुताबिक सत्यपाल मलिक ने कहा कि रोहिंग्या की पहचान के लिए बायोमेट्रिक्स की मदद ली जा रही है। उन्होंने बताया कि दो महीने के भीतर जम्मू कश्मीर में आकर बसे रोहिंग्या की पहचान कर ली जाएगी।
राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कहा कि किश्तवाड़ में बीजेपी नेता की हत्या करने वाले आतंकवादियों की पहचान कर ली गई है। जम्मू कश्मीर में शांतिपूर्ण तरीके से पंचायत चुनाव हो रहे हैं। इस बात से आतंकी परेशान हैं। वहीं सुरक्षाकर्मियों का मनोबल बढ़ा है।
Biometric details of #Rohingyas will be collected within two months: Jammu and Kashmir Governor Satya Pal Malik, in Jammu pic.twitter.com/d6sbcfX6RC
— ANI (@ANI) November 5, 2018
मालूम हो कि केंद्रीय खुफिया एजेंसी आईबी की एक रिपोर्ट के मुताबिक जम्मू कश्मीर के कारगिल में रोहिंग्या के होने की जानकारी मिली है। रिपोर्ट के मुताबिक करीब 53 रोहिंग्या के होने की जानकारी मिली है, जो कारगिल में रह रहे हैं। देखा जाए तो लाइन ऑफ कंट्रोल के नजदीक पड़ने वाला कारगिल सुरक्षा के लिहाज़ से काफी संवेनदशील है।
भारतीय सेना पाकिस्तान की तरफ से होने वाले किसी भी जवाबी कार्रवाई के लिए हर वक़्त तैयार रहती है, ऐसे में जब से एन इलाकों में रोहिंग्या के होने की खबर मिली है सुरक्षा एजेंसियां हरक़त में आ गयी है।
गृह मंत्रालय के एक अधिकारी के मुताबिक, ‘कारगिल में कुल 53 रोहिंग्या के होने की खबर है, हालांकि इनमे से कई सड़क निर्माण के काम में मजदूर के तौर पर काम कर रहे हैं, लेकिन हम उनके मूवमेंट पर लगातार नज़र रखे हुए हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक बंग्लादेश, जम्मू कश्मीर, हैदराबाद समेत देश के दूसरे राज्यों में रहने वाले रोहिंग्या लोगों से अपील की जा रही है कि वो 24 परगना में आकर रहें। रोहिग्यां को बसाने के लिए इन 40 संगठनों ने पिछले कुछ दिनों में ही देश के अलग-अलग हिस्सों में करीब 50 बार से ज्यादा गुप्त बैठक की हैं।
गृह मंत्रालय को भेजी गई खुफिया रिपोर्ट में ये कहा गया है कि 29 रोहिग्यां ने 24 परगना जिले के इन इलाकों में रहना शुरू कर दिया है। रोहिग्यां को बसाने के लिए हज़ारों की संख्या में नये घर बनाने का काम शुरू किया गया है। रोहिंग्या की मदद के लिए इन संगठनों ने गांवों में रह रहे लोगों से कहा है कि वह अपनी जमीन रोहिंग्या को दान करे, जिससे उन्हें बसाया जा सके।
साभार- ‘ज़ी न्यूज़’