नेशनल कांफ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने शनिवार को कहा कि राजग सरकार का यह दावा कि उसके शासनकाल में संप्रग सरकार की अपेक्षा ज्यादा आंतकवादी मारे गए हैं , वास्तविक रूप में यह दिखाता है कि उन्होंने घाटी में आतंकवाद और हिंसा को दोबारा उभरने का मौका दिया।
उमर ने ट्वीट किया ,“ दरअसल मंत्री साहिब यह कहानी बताती है कि आपकी सरकार ने आंतकवाद और हिंसा को जम्मू – कश्मीर में दोबारा सिर उठाने का मौका दिया और सुरक्षा बलों को और अधिक आतंकवादियों को मारने को मजबूर किया। ”
Actually minister sahib this tells the story of how your government allowed militancy & violence to re-emerge in J&K forcing the security forces to kill more terrorists. You should be embarrassed by these statistics not be claiming them as some achievement. https://t.co/7YmMkLTmR2
— Omar Abdullah (@OmarAbdullah) June 23, 2018
दरअसल जम्मू – कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला केंद्रीय मंत्री रवि शंकर प्रसाद के उस ट्वीट और बयान का जवाब दे रहे थे जिसमें उन्होंने कहा था कि राजग सरकार के शासनकाल में संप्रग सरकार की अपेक्षा ज्यादा आंतकवादी मारे गए।
प्रसाद ने कहा था कि सुरक्षाबलों ने 2012 और 2013 में क्रमश : 72 और 67 आतंकवादी मारे जबकि भाजपा नेतृत्व वाली राजग सरकार जब केंद्र में आई तो उसने 2014 में 110 आतंकवादी मारे।
उन्होंने बताया कि 2015 में 108 आतंकवादी , 2016 में 150 आतंकवादी और इस साल मई तक 75 आतंकवादी मारे गए हैं। जम्मू – कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि आतंकवादियों के मारे जाने की संख्या में बढ़ोतरी उपलब्धि नहीं है। उन्होंने ट्वीट किया , “ आपको इन आंकड़ों की वजह से शर्मिंदा महूसस करना चाहिए न कि इसे उपलब्धि बतानी चाहिए। ”