जम्मू। सन् 1947 के विभाजन के परिणामस्वरूप जम्मू-कश्मीर का सबसे अधिक प्रभावित होने का दावा करते हुए प्रदेश मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने जनता की चुनौतियों से निपटने के लिए रंग व नस्ल और धार्मिक भेदभाव से हट कर एकजुट होने पर जोर दिया है। उन्होंने कहा कि युद्ध से बर्बादी और विनाश के सिवा कुछ हासिल नहीं हुआ है।
न्यूज़ नेटवर्क समूह प्रदेश 18 के अनुसार सुश्री मुफ्ती ने सोमवार को पाकिस्तानी शासित कश्मीर से आए हुए बेघर लोगों के लिए वित्तीय पैकेज की घोषणा करने के दौरान एक सभा को संबोधित करते हुए कहा कि 1947 के विभाजन से जम्मू-कश्मीर पर सबसे अधिक प्रभाव पड़ा है। उन्होंने अविश्वसनीय स्थिति से राज्य को निकालने के लिए जनता से एकजुट होने की अपील की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वह चाहती हैं कि दोनों देशों के बीच रिश्ते बेहतर हों कि व्यापार और सार्वजनिक संपर्कों को स्थिरता पहुंचे। सहिष्णुता, बेहतर रिश्ते और शांति सुनिश्चित करने के लिए मुख्यमंत्री ने सभी भागीदारों से सहयोग मांगा। उन्होंने कहा कि युद्ध से बर्बादी और विनाश के सिवा कुछ हासिल नहीं हुआ है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि दोनों देशों के बीच रिश्तों में सुधार की मुख्य जिम्मेदारी राज्य के जनता पर है। उन्होंने कहा कि हमें वाजपेयी के दौर की ओर वापस जाना होगा जब देशों के बीच कारगिल युद्ध और संसद हमले के बावजूद भी रिश्ते काफी बेहतर थे और फलस्वरूप व्यापार रखरखाव और सीमाओं को जनता के लिए छुट दिया गया। मुख्यमंत्री ने इस मौके पर बेघर परिवारों में चेक बांटी। इससे पहले अपने संबोधन में उप मुख्यमंत्री डॉ निर्मल सिंह ने बेघर लोगों की कल्याण के लिए कदम उठाने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती का धन्यवाद किया।उन्होंने कहा कि सरकार बेघर लोगों की कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है। अपने संबोधन में माल और पुनर्वास मंत्री सैयद बशारत बुखारी ने कहा कि उनका विभाग बेघर पुनर्वास की प्रक्रिया को सरल बनाएगा।