जम्मू-कश्मीर विधानसभा में भारी हंगामे के बीच GST को मिली मंजूरी

श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर विधानसभा में माल एवं सेवा कर (जी.एस.टी.) प्रस्ताव को मंजूरी मिल गई है। जी.एस.टी. व्यवस्था को एक जुलाई से देशभर में लागू कर दिया गया है। जम्मू और कश्मीर अकेला राज्य बचा था जिसमें अभी तक जी.एस.टी. विधेयक को पारित नहीं किया गया था।

जम्मू-कश्मीर में जी.एस.टी. बिल लागू करने को लेकर बुलाए गए राज्य विधानसभा के विशेष सत्र के दौरान सदन में भारी हंगामा हुआ और विधायकों के बीच हाथापाई हो गई। इस कारण सदन को बार-बार स्थगित करना पड़ा।

जनसंघ के संस्थापक डा. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी पर भड़के भाजपा विधायकों की मांग पर स्पीकर कविंद्र गुप्ता ने मार्शलों को आदेश देकर निर्दलीय विधायक इंजीनियर अब्दुल रशीद को सदन से निकाल दिया। बाद में, भारी हंगामे के बीच वित्त मंत्री डा. हसीब अहमद द्राबू ने विधानसभा में जी.एस.टी. बिल पेश किया।

सुबह जैसे ही सदन में स्पीकर कवींद्र गुप्ता ने आकर सदन की कार्यवाही शुरू करने का प्रयास किया, बाजुओं पर काली पट्टियां बांधे नेशनल कांफ्रेंस के विधायक अपनी सीटों पर खड़े हो गए। नेकां के दो विधायकों अब्दुल मजीद लारमी और अल्ताफ अहमद कालू ने काले झंडे भी लहराए।

कांग्रेस के विधायकों के साथ निर्दलीय विधायक भी अपनी सीटों पर खड़े हो गए। लारमी ने सत्तापक्ष की तरफ देखते हुए कहा कि जी.एस.टी. लागू नहीं होने देंगे, हम किसी को कश्मीर का वजूद खत्म नहीं करने देंगे।