शुक्रवार को राज्य में दो एसपीओ और एक पुलिस कॉन्स्टेबल की आतंकियों द्वारा की गई हत्या से पूरे जम्मू-कश्मीर में दहशत का माहौल है। खासतौर पर राज्य पुलिस के कर्मियों में।
आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, इस घटना के बाद से 45 एसपीओ और दो पुलिस कॉन्स्टेबल ने सोशल मीडिया पर अपने इस्तीफे की घोषणा कर दी। हालांकि गृह मंत्रालय ने इससे इनकार किया है।
गृह मंत्रालय का कहना है कि तीन पुलिसकर्मियों की हत्या के चलते किसी भी पुलिसकर्मी ने इस्तीफा नहीं दिया है। मंत्रालय की तरफ से कहा गया है कि मीडिया में खबरें चल रही रही हैं कि जम्मू-कश्मीर में कुछ स्पेशल पुलिस ऑफिसर्स (एसपीओ) ने इस्तीफा दे दिया है, लेकिन राज्य पुलिस ने यह पुष्टि की है कि ऐसी खबरें “असत्य और प्रेरित” हैं. मंत्रालय ने बयान में आगे कहा है कि ये रिपोर्ट शरारती तत्वों द्वारा झूठे प्रचार पर आधारित हैं.
उल्लेखनीय है कि हिज्बुल मुजाहिदीन और लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादियों ने शुक्रवार को दक्षिण कश्मीर के शोपियां जिले में तीन पुलिसकर्मियों को उनके घरों से अगवा करने के बाद गोली मारकर उनकी हत्या कर दी थी।
पुलिस ने इस जघन्य कृत्य को जम्मू-कश्मीर में तीन दशक से चले आ रहे आतकंवाद का एक नया चेहरा बताया है। पुलिसकर्मियों के शव एक नदी के पार बाग में मिले थे।
मारे गये पुलिसकर्मियों की पहचान कांस्टेबल निसार अहमद, दो विशेष पुलिस अधिकारियों – फिरदौस अहमद और कुलवंत सिंह के तौर पर हुई। जम्मू-कश्मीर में 30,000 से ज्यादा एसपीओ हैं।