मर्कज़ी वज़ीर-ए-क़ानून कपिल सिब्बल ने कहा कि अवाम को जम्हूरियत के असल मफ़हूम का इल्म नहीं है। इस जम्हूरियत को इंतेख़ाबी अमल के मुतक़ाज़ी बनाने की ज़रूरत है।
हम को जम्हूरियत के हक़ीक़ी मानी-ओ-मफ़हूम को समझने की ज़रूरत होगी क्योंकि इस जम्हूरियत पर इंतेख़ाबी अमल पूरा होता है। कपिल सिब्बल ने कहा कि मीडिया और तफ़रीह सनअत या दीगर मुख़्तलिफ़ प्लेट फॉर्म्स पर क़ौमी दानीयत का तहफ़्फ़ुज़ करने के लिए काम होना चाहिए।