जम्हूरियत में जानशीं का फैसला आवाम करती है लालू जी : पप्पू यादव

राजद एमपी राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने अपने पार्टी सरबराह लालू प्रसाद की जानशीं से मुतल्लिक़ तनकीद पर आज सवाल उठाते हुए कहा कि लालू जी को यह समझना चाहिए कि जम्हूरियत में आवाम करती है।

कटिहार जिला के राजेन्द्र स्टेडियम में आज नौनवान ताक़त के बैनर तले जनसंवाद प्रोग्राम के दौरान मधेपुरा से राजद एमपी पप्पू यादव ने लालू प्रसाद के अपने जानशीं को लेकर दो दिनों साबिक़ की गयी तनकीद पर सवाल उठाया। लालू ने मुबाईना तौर पर कहा था कि वालिद का जानशीं बेटा ही होता है।

पप्पू ने कहा कि लालू जी को यह समझना चाहिए कि वारिस का फैसला जम्हूरियत में आवाम करती है। उन्होंने मिसाल देते हुए कहा कि वालिद के लिए बेटे को ही अपना जानशीं बनाना जरुरी होता तो चौधरी चरण सिंह, कर्पूरी ठाकुर या दीगर लीडर अपने बेटे को अपना सियासी वारिस बना देते। हालांकि पप्पू ने यह भी कहा कि वे आज भी लालू जी को अपना लीडर मानते हैं और किसी से नहीं डरते।

कबीले ज़िक्र है कि गुजिशता पांच अप्रैल को पटना में राजद की क़ौमी वर्किंग कमेटी की बैठक के बाद अपने जानशीं को लेकर पूछे गए सवाल को टालते हुए लालू ने मुबाईना तौर पर कहा था कि सिर्फ एक बेटा अपने वालिद का जानशीं होता है।

उन्होंने कहा कि दो दिन साबिक़ पटना में मुनक्कीद राजद की क़ौमी वर्किंग कमेटी की बैठक के दौरान लालू प्रसाद की मौजूदगी में उन्हें बेइज्ज़त किया गया। पार्टी एमपी होने के बावजूद उन्हें तीसरी कतार में जगह दी गयी। पप्पू ने कहा कि राजद की क़ौमी वर्किंग कमेटी की बैठक के दौरान जब बोलने के लिए उठे तो राजद सरबराह के इशारे पर पार्टी कारकुनान की तरफ से उन्हें बोलने से रोका गया जिससे वे दो रात सो भी नहीं पाए और परेशान रहे।

साबिक़ वजीरे आला जीतन राम मांझी के हिमायती पप्पू ने कहा कि वे पुराने जनता परिवार के छह पार्टियों के इंजमाम का मुखालिफत नहीं कर रहे हैं पर वे इस इत्तिहाद में मांझी और कांग्रेस को शामिल किए जाने के हक़ में हैं। पुराने जनता परिवार के छह पार्टियों में राजद भी शामिल है।