जयललिता को भारत रत्न देने की मांग वाली याचिका खारिज

चन्नई: मद्रास हाई कोर्ट ने जयललिता को भारत रत्न दिलाने की मांग वाली याचिका खारिज कर दी है. हाई कोर्ट ने कहा कि वह सरकार को इस प्रकार का निर्देश नहीं दे सकता. इसे तमिलनाडु की AIADMK सरकार के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है.

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आजतक के अनुसार, तमिलनाडु कैबिनेट ने जयललिता को भारत रत्न देने और संसद परिसर में उनकी कांस्य प्रतिमा स्थापित करने का प्रस्ताव पास कर, इन दोनों ही मांगों को केंद्र के सामने रखने का निर्णय लिया था.
राज्य कैबिनेट ने जयललिता के स्मारक निर्माण के लिए भी प्रस्ताव पारित किया है. ये स्मारक 15 करोड़ की लागत से बनेगा. जयललिता का स्मारक उनके राजनीतिक गुरु एमजीआर के स्मारक के पास मरीना बीच पर बनेगा. पार्टी की सांसद शशिकला पुष्पा काफी पहले राज्य सभा में यह मांग कर चुकी हैं कि जयललिता को भारत रत्न दिया जाए.
मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति एम सुंदर की पीठ ने तमिलनाडु सेंटर फॉर पब्लिक इंटरेस्ट लिटिगेशन के प्रबंध न्यासी के.के. रमेश की ओर से दायर जनहित याचिका को खारिज कर दिया. याचिकाकर्ता ने जयललित के जीवन का इतिहास बताते के बाद कहा कि उन्होंने सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री के लिए तमिलनाडु राज्य फिल्म पुरस्कार पाने के अलावा कई पुरस्कार अपनी झोली में डाले हैं और वह पांच बार मुख्यमंत्री थीं.
रमेश ने कहा कि उन्हें यह याचिका दायर करने पर मजबूर होना पड़ा क्योंकि 15 दिसंबर 2016 को केंद्र सरकार को इसके लिए आवेदन किया था लेकिन प्रतिक्रिया नहीं मिली. लेकिन अदालत ने कहा कि वह ऐसे मामलों में हस्तक्षेप नहीं करना चाहती है.