वज़ीर-ए-आला ( मुख्य मंत्री) तमिलनाडो जया ललीता अपनी हुकूमत का एक साल अभी दो रोज़ क़ब्ल ही मुकम्मल ( पूरा करना) किया है जहां चेन्नई में मुतअद्दिद (बहुत) तक़रीबात ( सामारोह) मुनाक़िद की गई थीं और उन के काबीनी रफ़क़ा ने उनकी गुलपोशी भी की थी । दूसरी तरफ़ वज़ीर-ए-आला मग़रिबी ( पश्चिम) बंगाल ममता बनर्जी भी 20 मई को अपनी हुकूमत का एक साल मुकम्मल करने वाली हैं लेकिन उन के साथ अलमीया ( कष्टमय) ये है कि रियास्ती ( राज्य) हुकूमत पर मर्कज़ी ( केंद्र) हुकूमत के दो लाख करोड़ रुपय क़र्ज़ वाजिब अलादा है ।
यही नहीं बल्कि बाअज़ ( कुछ) मुआमलात ( मामलों) से बहसन-ओ-ख़ूबी ना निमटने पर अपनी हलीफ़ जमात कांग्रेस के साथ भी उन के ताल्लुक़ात( संपर्क) ख़ुशगवार नहीं हैं । अपनी हुकूमत के कारनामे ब्यान करते हुए ममता बनर्जी ने पी टी आई को बताया कि हम पूरी दियानतदारी( ईमानदारी) यकसूई ( बेफिक्री)) शफ़्फ़ाफ़ियत और मुहासिबा के एहसास के साथ अपना काम कर रहे हैं ।
में जो भी करती हूँ उसे एक चैलेंज के तौर पर करती हूँ । ममता बनर्जी ने माँ माटी मानुष ( माँ ज़मीन अवाम) पर अपनी तवज्जा (ध्यान) मर्कूज़ करते हुए हुकूमत करने का नज़रिया वज़ा किया है ओ रासी नज़रिया को मद्द-ए-नज़र रखते हुए उन्हों ने रियासत से मार्कसस्ट हुकूमत का ख़ातमा किया ।
इनका कहना है कि इन की पार्टी के तमाम अरकान ( सदस्य) को उन की तक़लीद (पैरवी) करनी चाहीए । ममता बनर्जी के मुताबिक़ दो लाख करोड़ रुपय के ख़तीर क़र्ज़ ( ज़्यादा कर्ज़) की अदायगी उन की अव्वलीन तर्जीह है । वाज़िह रहे कि क़र्ज़ की ख़तीर रक़म के लिए अपनी पेशरू हुकूमत को मौरिद इल्ज़ाम ठहराने की बजाय उन्हों ने मर्कज़ी हुकूमत से क़र्ज़ की अदायगी के लिए मज़ीद ( और भी) तीन साल की मुहलत तलब की है और इस सिलसिला में इनकी वज़ीर-ए-आज़म ( प्रधान मंत्री) मनमोहन सिंह और वज़ीर मालियात 9 वित्त मंत्री) परनब मुकर्जी से कई मुलाक़ातें हो चुकी हैं ।
अब तक ये वाज़िह ( स्पष्ट) नहीं हुआ है कि मर्कज़ी हुकूमत ( केंद्र सरकार) के साथ बातचीत के क्या नताइज ( नतीजे) सामने आए हैं । ममता बनर्जी ने FDI में रीटेल की मुख़ालिफ़त करते हुए अपनी हलीफ़ ( मित्र/दोस्त) जमात कांग्रेस को नाख़ुश कर दिया है यही नहीं बल्कि पेंशन बिल पैट्रोल की क़ीमतों में इज़ाफ़ा टीटा आबी मुआहिदा पर ग़ैर वाज़िह मौक़िफ़ और हाल ही में NCTC मुआमला पर भी मर्कज़ी हुकूमत और ममता बनर्जी के नज़रियात यकसाँ ( एक जैसा/ बराबर) नहीं हैं ।