वाई एस आर कांग्रेस पार्टी को उस वक़्त ज़बरदस्त धक्का-ओ-झटका लगा जब वाई एस आर कांग्रेस पार्टी के एक हरकियाती क़ाइद-ओ-रुकन क़ानूनसाज़ कौंसिल जय प्रभाकर राव ने वाई एस आर कांग्रेस पार्टी से मुस्ताफ़ी होने का एलान क्या।
प्रभाकर राव ने अख़बारी नुमाइंदों से बातचीत करते हुए कहा कि जिन को ( वाई एस आर कांग्रेस पार्टी को ) उन की ख़िदमात का एहसास ना हो। और पार्टी में डिसिप्लिन ना हो। उनके साथ बरक़रार रहना और वाबस्ता रहना मुम्किन नहीं है क्युंकि वाई एस आर कांग्रेस पार्टी में जगन मोहन रेड्डी के रिश्तेदारों के सिवा-ए-वाई एस राज शेखर रेड्डी के हामीयों की कोई एहमीयत-ओ-मुक़ाम नहीं है।
उन्होंने कहा कि महिज़ वाई एस राज शेखर रेड्डी के साथ उनकी क़ुरबत और उनके कट्टर हामी होने की वजह से ही वो किसी और पार्टी में ना जाकर वाई एस जगन मोहन रेड्डी के साथ अपनी वाबस्तगी को बरक़रार रखा।
लेकिन वाई एस आर कांग्रेस पार्टी में मुसलसिल उनके साथ इमतियाज़ बरता जा रहा है बल्कि उनकी तौहीन करने जैसा रवैय्या इख़तियार किया जा रहा है। जय प्रभाकर ने वाई एस जगन मोहन रेड्डी को अपनी सख़्त तन्क़ीद का निशाना बनाते हुए कहा कि वाई एस जगन मोहन रेड्डी की गिरफ़्तारी को उन्होंने ग़ैर जमहूरी इक़दाम क़रार दिया था बल्कि वाई एस जगन मोहन रेड्डी की गिरफ़्तारी के ख़िलाफ़ मुनज़्ज़म करदा धरना में हिस्सा लिया था।
लेकिन इस धरना मुनज़्ज़म किए जाने पर पुलिस की तरफ से दर्ज करदा मुक़द्दमा में उन्हें ( प्रभाकर को ) अदालत से सुमन जारी होने पर मिस्टर सुबह रेड्डी ने प्रभाकर राव के ताल्लुक़ से अपनी लाइलमी का इज़हार करते हुए उन को जानने से साफ़ इनकार कर दिया। उन्होंने इंतिख़ाबात का तज़किरा करते हुए कहा कि उनकी नाकामी के लिए भी वाई एस जगन मोहन रेड्डी के रिश्तेदार ही मुकम्मिल ज़िम्मेदार हैं।