जय ललीता की नरेंद्र मोदी से 3 जून को मुलाक़ात

नरेंद्र मोदी के मुल्क के वज़ीर-ए-आज़म के जलीलुल-क़दर ओहदा पर फ़ाइज़ होने के बाद पहली बार वज़ीर-ए-आला तमिलनाडू सरकारी तौर पर वज़ीर-ए-आज़म से नई दिल्ली में आइन्दा हफ़्ता मुलाक़ात करेंगी जिसके बारे में ये कहा जा रहा है कि वो मर्कज़ से रियासत के लिए माली तआवुन की ख़ाहिश‌ हैं।

26 मई को नरेंद्र मोदी की तक़रीब हल्फ़ बर्दारी में जय ललीता ने शिरकत नहीं की थी और ये मुलाक़ात उस बाईकॉट के पस-ए-मंज़र में की जा रही है। श्रीलंका के सदर महिंदा राजा पकसे को हल्फ़ बर्दारी तक़रीब में मदऊ किया गया था जिसे जय ललीता ने बद बख्ता ना क़रार दिया था।

इनका कहना था कि राजा पकसे को मदऊ करके हज़ारों तमिल बाशिंदों के जज़बात को ठेस पहुंचाई गई है जो श्रीलंका में ज़ुल्म-ओ-सितम का शिकार हुए। रियासती हुकूमत की जानिब से जारी एक बयान में कहा गया है कि जय ललीता नरेंद्र मोदी से उनके साउथ बलॉक में वाके दफ़्तर में मुलाक़ात करेंगी और उन्हें याददाश्त पेश करेंगी।

सरकारी बयान में ज़्यादा तफ़सीलात ना बताते हुए सिर्फ़ इतना कहा गया है कि याददाश्त में रियासत तमिलनाडू से मुताल्लिक़ मुतअद्दिद मुद्दाओं को पेश किया गया है जो हनूज़ ज़ेर-ए-इलतिवा हैं। कुछ ऐसे मुद्दाओं को भी उठाया गया है जिन पर फ़ौरी तवज्जो देने की ज़रूरत है ताकि रियासती तरक़्क़ी के मुफ़ादात का तहफ़्फ़ुज़ किया जा सके।

यहां इस बात का तज़किरा भी ज़रूरी है कि 2011 इंतिख़ाबात में ज़बरदस्त कामयाबी के बाद जय ललीता ने उस वक़्त के वज़ीर-ए-आज़म मनमोहन सिंह से मुलाक़ात की थी और बिलकुल इसी तरह याददाश्त पेश की थी जिस में रियासती तरक़्क़ी से मुताल्लिक़ मुतअद्दिद मांग‌ दर्ज किए गए थे। जिन में रियासत के लिए एक लाख करोड़ रुपये के माली पैकेज का मुतालिबा भी शामिल था जिसका मांग‌ आज भी किया गया है।

जय ललीता ने श्रीलंकाई तमिल बाशिंदों का मुद्दा भी उठाया था और मुतालिबा किया था कि मुबय्यना जंगी मुजरिमीन के ख़िलाफ़ सख़्त से सख़्त कार्रवाई की जाये हालाँकि जय ललीता ने नरेंद्र मोदी की तक़रीब हल्फ़ बर्दारी में शिरकत नहींकी थी लेकिन इसके बावजूद दोनों क़ाइदीन एक दूसरे के ख़ैरख़ाह रहे हैं।

2011 में जय ललीता ने जब वज़ीर-ए-आला के ओहदा का जायज़ा हासिल किया था तो उनकी तक़रीब हल्फ़ बर्दारी में नरेंद्र मोदी ने बहैसियत वज़ीर-ए-आला गुजरात शिरकत की थी जबकि 2012 मैं ख़ुद नरेंद्र मोदी ने भी असेंबली इंतिख़ाबात में ज़बरदस्त कामयाबी हासिल की थी।