“जय श्री राम” एक राजनीतिक नारा है: कन्हैय्या कुमार

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हैदराबाद: हैदराबाद में कल सुन्द्र्या विज्ञान केंद्र में एक सेमिनार को संबोधित करते हुए कन्हैय्या कुमार
ने कहा कि “जय श्री राम” एक राजनीतिक नारा है, आरएसएस और भाजपा इस भ्रामक नारे का उपयोग करके लोगों को एकजुट करने की कोशिश कर रहे हैं।

इस नारे का ऐतिहासिक संदर्भ देते हुए कन्हैया कुमार ने बताया कि जो लोग ये नारा लगाते हैं वो हिंदु नहीं हैं वे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की विचारधारा से प्रभावित लोग हैं |

कई लोग , जो हिंदू धर्म को जानने का दावा करते हैं उनको नहीं मालूम है कि यह एक राजनीतिक नारा जो राजनीतिक उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए प्रयोग किया जाता है | कन्हैया कुमार ने कहा कि हिंदू धर्म का नारा “राम राम” है।इसी तरह भारत माता की अवधारणा(तसव्वुर ) को भी बदला जा रहा है इससे पहले, “भारत माता” की अवधारणा में एक महिला मूर्ति थी जिसके हाथ में तिरंगा झंडा होता था लेकिन पिछले कुछ सालों से इस अवधारणा को बदल दिया गया है |

उसके हाथ से तिरंगा झंडा दूर कर दिया गया है और भगवा ध्वज उसके हाथ में दे दिया गया | इससे पहले, “भारत माता” भारत के नक़्शे पर दिखाई देती थी लेकिन राजनीतिक उद्देश्यों के लिए इस्तेमाल करने के लिए इस अवधारणा को बदलकर उसे शेर पर बैठाकर और उसकी साड़ी का रंग भी भगवा कर दिया गया है |

ध्वज के तीन रंगों के महत्व का जिक्र करते हुए कन्हैया कुमार ने बताया कि वर्तमान झंडे में नीले रंग की गोल आकृति को भी एक साजिश के तहत बदला जा रहा है। लोगों को इस बारे में जागरूक होना चाहिए क्यूँकि नीला रंग दलित और शोषित वर्ग का प्रतीक होता है ।इसीलिए वे नीले रंग को झंडे में सहन नहीं कर पा रहे हैं | डॉ अम्बेडकर, डॉ राम मनोहर लोहिया, भगत सिंह और रोहित की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए ये हमारी ज़िम्मेदारी है कि हम देश का भगवाकरण होने से रोकें और हम इन आकांक्षाओं को पूरा करने की कोशिश करेंगे |