
इस्लाम में निकाह यानि शादी की रस्म को बिलकुल सादे और आसान तरीके से पूरा करने ही हिदायत पैगम्बर मुहम्मद (PBUH) ने दी है।
इस हिदायत के पीछे की वजह बात करें तो समझ में आता है कि ऐसा क्यों कहा गया है। इस बात का ज़िक्र किया है शेख यासिर अल जबरी ने जिन्होंने हैदराबाद के अल असर फाउंडेशन की तरफ से करवाये एक प्रोग्राम में अल्लाह की दी हिदायतों को लेकर अपने ख़यालात लोगों के सामने रखे। शादी के मामले पर बात करते हुए शेख यासेर ने कहा कि शादी पर फिजूल के खर्चे करने वाले लोग ‘शैतान के भाई और बहनें‘ हैं।
उन्होंने कहा कुछ वक़्त पहले की ही बात है की शादियां बिलकुल सादे तरीके से हुआ करती थीं लेकिन आज दिखावा इतना बढ़ गया है कि लोग शादी के नाम पर इतनी फ़िज़ूलखर्ची करते हैं कि अगर वही पैसा अपने गरीब पड़ोसी या आस-पास रहने वाले गरीब की भलाई में लगाया जाए तो कोई अल्लाह का बंदा कभी रात को भूखे पेट सोने पर मजबूर न हो। उन्होंने कहा की आज की शादियां एक पाक रस्म न होकर सिर्फ दिखावा बनकर रह गयी हैं जिसके जरिये लोग अपनी ठाठ-बाठ की नुमाइश करते फिरते हैं। ऐसा करने से मिडिल क्लास के परिवार मुसीबत में फंसते हैं क्यूंकि वो अपनी झूठी शान दिखने के चक्कर में कर्ज़ा लेकर शादी करते हैं।
इसके इलावा शेख यासिर ने निकाह या शादी के दौरान होने वाली शादी के महंगे जोड़ो की खरीददारी पर भी अपने ख़यालात लोगों के सामने रखे।