दिल्ली/जेएनयू कैंपस: एक तरफ जहाँ सरकार काफी बिज़ी है देश के कुछ चुनिंदा बिज़नेस घरानों की खिदमत करने में वहीँ देश की जनता ने जेएनयू मुद्दे के बाद से सरकार को मुद्दों पर घेरने के लिए कमर कस ली है।
देश के मश्हूर कवि इमरान प्रतापगढ़ी ऐसे लोगों की लिस्ट में एक नया नाम हैं जिहोने आज से पहले भी हर उस सरकार के खिलाफ आवाज़ उठाई है जिसके राज में जनता के साथ भेदभाव और अन्याय होता रहा है।
बीती शाम जेएनयू में स्टूडेंट्स के समर्थन में आये इमरान ने अपनी कविताओं के जरिये सरकार पर हमला बोलते हुए उसकी घटिया कारुजगारी का डटकर विरोध किया है। इमरान ने अपनी कविताओं को बातों में पिरोकर जिस तरीके से सरकार को आधे हाथों लिया है वो काबीले तारीफ है। पेश है आपकी नज़र इमरान के भाषण का यह वीडियो, हमें भरोसा है कि इस वीडियो को आप बार बार देखना चाहेंगे। तो देखिये, शेयर और कमेंट कीजिये।
इसके इलावा इमरान ने कुछ लाइनें भी सांझी की हैं जो इस तरह से हैं:
आज़ाद था आज़ाद है आज़ाद रहेगा,
#JNU तो आबाद है आबाद रहेगा !!
पोरस को बता दें ये सिकंदर को बता दें,
क़तरा हैं मगर फिर भी समंदर को बता दें !
हम ज़ुल्म के आगे न झुके हैं न झुकेंगे,
ये बात चलो वक्त के हिटलर को बता दें !!
पहले भी रहा है और तेरे बाद रहेगा…!!
#JNU तो आबाद है आबाद रहेगा !!
इतिहास को ये लम्हा सदा याद रहेगा
आबाद है आबाद है आबाद रहेगा !!!