बर्लिन : जर्मनी में अगर यह कानून पास हो जाता है तो माताओं को बताना होगा कि उन्होंने किसके साथ सेक्स किया था। इससे सरकार को यह पता लगाने में असानी होगी कि बच्चे का जैविक पिता कौन है। जर्मनी के न्याय मंत्री हाइकु मास ने कहा कि इससे उन पुरुषों को मुआवजा देने में आसानी होगी जिन्हें लगता है वे उस बच्चे या बच्ची के वालिद नहीं हैं।
इस कानून के बाद औरतों को वह जानकारी देने के लिए मजबूर होना पड़ेगा कि वे किस मर्द से प्रेग्नेंट हुई हैं। औरतें तभी इस जानकारी को देने से इनकार कर सकती हैं जब इसके पीछे कोई संगीन वजह हो। मास ने कहा, ‘हमलोग उन पिताओं को कानूनी समर्थन मुहैया कराना चाहते हैं जो जैविक पिता नहीं होने के बावजूद बच्चे का लालन-पालन कर रहे हैं।’
अगर पितृत्व जांच में देरी होती ही है तो उस परिवार को सालों तक वित्तीय मदद का नुकसान उठाना पड़ता है। इस कानून का लक्ष्य असली पिताओं के अधिकारों को सुरक्षित करना है। इस कानून के पास हो जाने के बाद ऐसे पिता गुजारे के लिए मुआवजे का दावा कर सकते हैं। मास ने कहा कि यह कोर्ट फैसला करेगा कि महिला ने जो वजह बताई है उसकी बुनियाद पर उसके पूर्व प्रेमी की पहचान सार्वजनिक की जाए या नहीं।
इसके पहले जर्मनी हाई कोर्ट ने मार्च 2015 में कहा था कि जैविक पिता के नाम पर औरतों को पूर्व प्रेमी का नाम बताने पर मजबूर नहीं किया जा सकता है। कोर्ट ने यह फैसला एक हाई-प्रोफाइल केस में सुनाया था। एक मां ने अपने पूर्व प्रेमी का नाम बताने से इनकार कर दिया था। उस खातून पर इल्ज़ाम लगे थे कि उसका शौहर बच्चों का जैविक पिता नहीं है और उसे बच्चों की परवरिश के लिए मुआवजा मिलना चाहिए। अप्रैल में जर्मनी के कोर्ट ने कहा था कि बच्चों को संदेह की बुनियाद पर जैविक पिता का पता लगाने के लिए डीएनए टेस्ट के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता है।