जर्मन दार-उल-हकूमत(राजधानी) बर्लन और दीगर शहरों में मसाजिद की बेहुर्मती के वाक़ियात और मुस्लमानों के कम्यूनिटी मराकिज़(सेंटर्स) खास तौर पर तुर्क तारकीन-ए-वतन के घरों पर हमलों में इज़ाफ़ा होता जा रहा है।
हालिया हफ़्तों में होने वाले वाक़ियात का एक निशाना दार-उल-हकूमत (राजधानी)में मस्जिद बिलाल भी है जिस में जर्मन और 20 से ज़्यादा दीगर अक़्वाम के इलावा पाकिस्तानी मुस्लमानों की एक बड़ी तादाद इबादात और दीनी सरगर्मीयों के लिए आती है।
गुज़श्ता जुमेरात को नामालूम अफ़राद ने मस्जिद बिलाल की दीवार पर नाज़ी निशान सवासतीका बना दिया जिसे मसाजिद के ख़िलाफ़ जारी एक मुनज़्ज़म तहरीक की जानिब से मज़ीद कार्रवाई का इशारा समझा जा सकता है ।
बर्लन में एक इंतिहापसंद इस्लाम मुख़ालिफ़ तंज़ीम पर-ओ-जर्मनी ने 18 अगस्त को ईद-उल-फ़ित्र से एक दिन क़ब्ल तीन मसाजिद मस्जिद बिलाल, मस्जिद सहाबा और मस्जिद नूर के सामने मुज़ाहिरों का ऐलान किया है ।
मस्जिद बिलाल की दीवार पर सवासतीका के वाक़िया पर पुलिस ने मुक़द्दमा दर्ज कर लिया है। पुलिस से मुशावरत के बाद 18 अगस्त के मुज़ाहरा के जवाब में मुस्लमानों की जानिब से कोई ऐसा रद्द-ए-अमल नहीं होगा जिस से इश्तिआल बढ़े और इस्लाम दुश्मन और मुस्लिम मुख़ालिफ़ अनासिर(लोग) इस का फ़ायदा उठाएं।
बर्लन के इलाक़ा कोलंबिया डाम में शहर की सब से बड़ी मस्जिद पर अब तक हमलों की सब से ज़्यादा कोशिशें हो चुकी हैं जिस के बाद हुकूमत की जानिब से मस्जिद को मुहाफ़िज़ मुहय्या किए गए हैं। हाल ही में इस मस्जिद के बाहर ख़िंज़ीर का सर भी रखा गया जिस के सिलसिला में मुश्तबा शख़्स को गिरफ़्तार किया गया है।