जर्मन अवाम ख़ुद को मुसल्लह कर रहे हैं

जर्मनी में छोटे हथियारों की ख़रीद और फ़रोख्त में अचानक ग़ैर मामूली इज़ाफ़ा हुआ है। हथियार बेचने वालों का कहना है कि अवाम ख़ुद को ग़ैर महफ़ूज़ महसूस कर रहे हैं और इस के सबब हथियार अपनी तहवील में रखना चाहते हैं। ये हथियार ताहम बेज़रर होते हैं यानी बज़ाहिर ये बिलकुल असली पिस्तौल या रिवाल्वर की शक्ल के नज़र आते हैं लेकिन ये उन की नक़ल होते हैं।

उनमें ऐसे पटाख़े या गोलीयां भरी होती हैं जो किसी को नुक़्सान नहीं पहुंचा सकती लेकिन उनकी आवाज़ किसी को ख़ौफ़ज़दा करने के लिए काफ़ी होती है। मग़रिबी जर्मन सूबे नॉर्थ राउनवेस्ट फ़ीलया में ऐसे हथियार फ़रोख्त करने वाले एक ताजिर के बाक़ौल,लोग ख़ुद को महफ़ूज़ तसव्वुर नहीं कर रहे हैं वर्ना वो इतने ज़्यादा हथियार ना ख़रीदते।

नॉर्थ राउनवेस्ट फ़ीलया ही के शहर कोलोन में नए साल की आमद पर होने वाली तक़रीबात के मौक़ा पर ख़वातीन पर होने वाले जिन्सी हमलों और उन्हें हिरासाँ करके लूट मार के वाक़ियात के बाद इन हथियारों की फ़रोख्त में तीन गुना इज़ाफ़ा हुआ है।

दुनिया-भर के मीडिया की शहि सुर्ख़ी बनने वाले इन वाक़ियात ने कोलोन ही नहीं बल्कि पूरे जर्मनी के अवाम को चौकन्ना कर दिया है और जर्मनी के असलाह डीलर्स की वफ़ाक़ी अंजुमन VDF ने भी इस अमर की तसदीक़ की है कि मुल्क भर में ऐसे हथियारों की ख़रीद और फ़रोख्त में कई गुना इज़ाफ़ा हुआ है जो बज़ाहिर असली नज़र आते हैं मगर ये बेज़रर होते हैं और उनके इस्तेमाल का मक़सद किसी को डराना या किसी बड़ी कार्रवाई से बाज़ रखना होता है।