इस की पकड़ से दूर भला कैसे जाओगे
सामान होगा साथ वही जो कमाओगे
जितनी भी चाहो कर लो अदाकारीयाँ
मगर बच भी गए यहां तो वहां बच ना पाओगे
अज़ : जलील अज़हर (निर्मल)
इस की पकड़ से दूर भला कैसे जाओगे
सामान होगा साथ वही जो कमाओगे
जितनी भी चाहो कर लो अदाकारीयाँ
मगर बच भी गए यहां तो वहां बच ना पाओगे
अज़ : जलील अज़हर (निर्मल)