शहर में विरोध प्रदर्शन का मुख्य केंद्र बन चुके मरीना बीच की तरफ जाने वाले सभी रास्तों को बंद कर दिया गया है. द हिंदू के मुताबिक आलंगनल्लूर में पुलिस कार्रवाई के खिलाफ सबसे ज्यादा हिंसा की खबर है. यह वही जगह है जहां मुख्यमंत्री ओ पन्नीरसेल्वम को रविवार को जलीकट्टू का उद्घाटन करने से रोक दिया गया था.

सोमवार सुबह प्रशासन ने एक बयान जारी कर लोगों से समुद्र तट को खाली करने के लिए कहा था. इससे पहले मुख्यमंत्री पन्नीरसेल्वम ने भी मामले का समाधान होने की बात कहकर लोगों से विरोध प्रदर्शन खत्म करने की अपील की थी. अब पूरे राज्य में विरोध प्रदर्शन के खिलाफ पुलिस कार्रवाई किए जाने की खबर है.

इसके बाद राज्य की राजनीति में आया उबाल और तेज हो गया है. प्रमुख विपक्षी पार्टी द्रमुक (डीएमके) के कार्यकारी अध्यक्ष ने पुलिस कार्रवाई की निंदा की है. उन्होंने कहा, ‘शांतिपूर्ण प्रदर्शकारियों के साथ बात करने की जगह पुलिस बल का इस्तेमाल सरकार की तानाशाही सोच को दिखाता है.’ स्टालिन ने इसे अलोकतांत्रिक कार्रवाई करार दिया.

द टाइम्स ऑफ इंडिया की एक खबर के मुताबिक सोमवार को पांच बजे विधानसभा के विशेष सत्र में जलीकट्टू पर एक विधेयक सदन में रखा जाएगा. पारित होने पर यह विधेयक उस अध्यादेश की जगह लेगा जिसे इस खेल पर से रोक हटाने के लिए राज्य सरकार लाई थी. पूरे राज्य में प्रदर्शनकारी इस मामले का स्थायी समाधान चाहते है. वे जानवरों के अधिकारों के लिए सक्रिय पेटा जैसे संगठनों को प्रतिबंधित करने की भी मांग कर रहे हैं.