जल्द ही उतरने वाली है आरएसएस की चड्डी

नई दिल्ली: इस साल की  11 अक्टूबर  को आरएसएस में एक बहुत ही बड़े बदलाव आने की घोषणा की गई है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक़ आरएसएस की प्रमोशन होने वाली है। लेकिन प्रमोशन से इसका मतलब यह नहीं कि वह अब प्रधानमंत्री की कुर्सी पर बैठ के देश को चलाएंगे, देश को तो अब भी वह सरकार के कंधे पर बन्दूक रखकर ही चलाएंगे लेकिन अब खाकी निक्कर नहीं, ब्राउन पेंट पहनकर चलाएंगे। शायद वह ये सोच रहे हो की पेंट पहन भगवा आतंक फैलाने उन्हें कुछ इज्जत मिल जाए। लेकिन ऐसा कुछ नहीं होने वाला इसका अंदाजा तो भीतर से उनको है ही।  बताया जाता है कि इस दशहरे पर सरसंघचालक मोहन भगवत की मौजूदगी में एक साथ लगभग 20 हजार स्वयंसेवक पहली बार ब्राउन कलर की फुल पैंट में नजर आएंगे।
संघ ने इस बदलाव के लिए दशहरे का दिन इसलिए चुना है कि आरएसएस की स्थापना 1925 में इसी दिन ही हुई थी और तब से  संघ हर साल दशहरे को ‘विजय दिवस’ के रूप में मनाती है।  आरएसएस में पहली बार 1939 में बदलावा किया गया था।  तब संघ प्रमुख हेडगेवार थे, जिन्होंने संघ की स्थापना थी और उस दौरान खाकी कमीज को बदलकर सफेद कमीज कर दिया गया था।  जिसके पीछे संघ का मानना था उनका आरएसएस की वर्दी अंग्रेजी सेना की ड्रेस से हूबहू मिलता-जुलता था।