नई दिल्ली:अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद, जे एन टी यू के उपाध्यक्ष जतिन गवरीह ने आज अपने पद से इस्तीफा दे दिया और कहा कि दलितों के खिलाफ हमलों में एबीवीपी के रुख से वे शंकित हो गए हैं। श्री गवरीह भाजपा छात्र संगठन के चौथे नेता हैं जिन्होंने कुछ मतभेद की वजह इस साल पार्टी से इस्तीफा दे दिया था।
महीने फरवरी में भी एबीवीपी, जेएनयू के संयुक्त सचिव प्रदीप निवाला और अन्य 2 नेताओं ने विश्वविद्यालय परिसर में घटी मुठभेड़ के बाद अपने पदों से इस्तीफा दे दिया था जबकि इस घटना में कथित देशद्रोही नारे दिए गए थे और उनके छात्रों में शामिल थे जिन्होंने विश्वविद्यालय परिसर में मनु समरती पृष्ठों जला दिए। इस विरोध दलितों और महिलाओं के साथ भेद के खिलाफ था। जतिन गवरीह ने बताया कि मैंने संगठन के पद से इस्तीफा दे दिया है और एक जाति, फूट समलैंगिक और लकीर संगठन से जुदाई अपनाया है। क्योंकि संगठन का फासीवादी और कट्टरपंथी चेहरा बेनकाब हो गया है।
उन्होंने अपने इस्तीफे पत्र में आरोप लगाया किया कि देश भर में सुरक्षा गाओ के नाम पर दलितों और मुसलमानों की हत्या की जा रही है और फासीवादी ताकतों ने गाओ रखशाउं को खुली छूट दे दी है कि दलितों का अपमान करते हुए मौत के घाट उतार दें। जबकि एबीवीपी, असमानता, योग्यता और अवसरवाद और भावना बढ़त के सिद्धांतों पर बनाया गया है और उसकी राष्ट्रवाद का नारा भी एक डखकोसलह है।