जश्ने तेलंगाना में हुकूमत का सौतेला सुलूक आशकार

जश्ने तेलंगाना में हुकूमत ने उर्दू के प्रोग्रामों को शामिल किया है लेकिन उर्दू के साथ हुकूमत का सौतेला सुलूक देखा गया है। महकमा अक़लीयती बहबूद के ज़रीए जुमला 11 तहज़ीबी और सक़ाफ़्ती प्रोग्राम तय किए गए और कल 6 जून प्रोग्रामों के इनेक़ाद का आख़िरी दिन है लेकिन किसी भी प्रोग्राम में चीफ़ मिनिस्टर और वुज़रा ने शिरकत की ज़हमत नहीं की।

ऐसा महसूस होता है कि सिर्फ़ ज़ाब्ता की तकमील के लिए उर्दू के प्रोग्राम मुनाक़िद किए गए और अक़लीयती तबक़ा से ताल्लुक़ रखने वाले डिप्टी चीफ़ मिनिस्टर मुहम्मद महमूद अली को इन प्रोग्रामों में शिरकत की ज़िम्मेदारी देदी गई।

होना तो ये चाहीए था कि उर्दू ज़बान से हमदर्दी और उस की तरक़्क़ी के दावे करने वाली हुकूमत के ज़िम्मेदार इन प्रोग्रामों में शिरकत करते हुए अपनी संजीदगी का सबूत देते।

बरख़िलाफ़ इस के उर्दू प्रोग्रामों को सिर्फ़ पुराना शहर के इलाक़ों तक महदूद कर दिया गया और इस में किसी भी अहम शख़्सियत ने शिरकत की ज़हमत गवारा नहीं की। अवाम को उम्मीद थी कि पुराना शहर में चीफ़ मिनिस्टर की आमद से इलाक़ा की तरक़्क़ी यक़ीनी होगी।