जसवंत सिंह बीजेपी से बाहर

बीजेपी ने सीनियर लीडर जसवंत सिंह को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया। बाडमेर से पार्टी उम्मीदवार के खिलाफ आ़ज़ाद उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड रहे सीनियर लीडर जसवंत सिंह को कल नाम वापस लेने के आखिरी दिन अपना पर्चाए नाम़जदगी वापस न लेने पर पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया।

बीजेपी की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि पार्टी सदर राजनाथ सिंह ने जसवंत सिंह को छह साल के लिए पार्टी से निकालने का फैसला किया। पार्टी ने राजस्थान के ही सीकर से बीजेपी उम्मीदवार के खिलाफ आ़ज़ाद उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड रहे एक और बागी नेता व साबिक वजीर सुभाष महरिया का भी पार्टी से इखराज कर दिया।

बीजेपी का टिकट न मिलने से नाराज जसवंत सिंह बाडमेर से पार्टी उम्मीदवार सोनाराम चौधरी के खिलाफ निर्दलीय चुनाव लड रहे हैं। सोनाराम कुछ दिन पहले कांग्रेस छोडकर बीजेपी में आये हैं।
बीजेपी सेक्रेटरी जे पी नड्ढा के बयान में कहा गया, ‘‘पार्टी के कानून की दफा25 (9) के मुताबिक पार्टी के उम्मीदवार के खिलाफ चुनाव लड रहे किसी भी लीडर के खिलाफ फौरी इखराज की कार्रवाई का सामना करना पडता है।’’

सबिक वजीर जसवंत सिंह ने पर्चाए नाम़जदगी वापस लेने से इनकार करने के बाद बीजेपी लीडरशिप ने उनके खिलाफ कार्रवाई की है। इससे पहले 2009 में भी उन्हें अपनी किताब में मोहम्मद अली जिन्ना की तारीफ करने के लिए पार्टी से निकाला गया था। हालांकि जून, 2010 में उन्हें फिर से पार्टी में वापस ले लिया गया।