नई दिल्ली: वरिष्ठ वकील राम जेठमलानी ने कलकत्ता हाईकोर्ट के जस्टिस सी एस कर्णन पर गंभीर आलोचना की कि उन्होंने न्यायपालिका के खिलाफ टिप्पणी किए हैं, और उन्हें सलाह दी कि अपने हर शब्द को वापस ले जो उन्होंने कहा है। जस्टिस कर्णन के खिलाफ अपमान अदालत के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने अपने समक्ष 31 मार्च को उनकी उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए सक्षम जमानत वारंट जारी किए हैं।
उन्हें खुले पत्र में जेठमलानी ने कहा कि भ्रष्टाचार के बहुल इस देश में न्यायपालिका ही सुरक्षित एकमात्र क्षेत्र है। इसे नष्ट या कमजोर न करें। जस्टिस कर्णन बलवा का प्रदर्शन करते हुए कहा था कि वह 31 मार्च को अपमान अदालत की कार्यवाही में हिस्सा नहीं होंगे और सक्षम जमानत वारंट की इजराई को ” गैर संवैधानिक ” करार देते हुए आरोप लगाया था कि उन्हें दलित होने पर निशाना बनाया जा रहा है।
जस्टिस कर्णन तर्क को खारिज करते हुए जेठमलानी ने कहा कि एक वकील की हैसियत से मैं मेरी पूरी जिंदगी पिछड़ों के लिए काम किया है और मुझे उनके साथ पूरी सहानुभूति है, लेकिन आप इस तरह की प्रक्रिया से खुद अपने हितों को महानतम नुकसान पहुंचा रहे हैं।