नई दिल्ली:साबिक़ चीफ़ जस्टिस आफ़ इंडिया मिस्टर एच एल दत्तू ने आज सदर नशीन क़ौमी हक़ूक़-ए-इंसानी कमीशन की हैसियत से जायज़ा हासिल कर लिया। वो कमीशन के सातवें सदर नशीन होंगे। जस्टिस के जी बालाकृष्णन की मीयाद गुज़िश्ता साल 11 मई को ख़त्म हो गई जिसके बाद कमीशन के रुकन जस्टिस साइबरक जोज़फ़ कारगुज़ार सदर नशीन की हैसियत से इज़ाफ़ी ज़िम्मेदारी संभाली थी।
जस्टिस दत्तू मुतअद्दिद अहम और तारीख़ साज़ फ़ैसलों से वाबस्ता रहे, वो इस बेंच में शामिल थे जिसने एक दहशतगर्द देवेंद्र पाल सिंह भुल्लर को सज़ा-ए-मौत को ज़हनी अमराज़ की बिना उम्र क़ैद में तबदील कर दी थी जबकि उसकी दरख़ास्त रहम फ़ैसला के लिए हुकूमत ग़ैरमामूली ताख़ीर कर रही थी।
जस्टिस दत्तू की ज़ेरे क़ियादत बेंच ने 11 अफ़राद को मंसूब इल्ज़ामात से बरी कर दिया था, जिन्हें गुजरात पुलिस ने दहशतगर्दी के इल्ज़ाम में गिरफ़्तार किया था और उन्होंने उस वक़्त कहा कि किसी भी बेक़सूर को दहशतगर्द क़रार देते हुए जेल की सलाख़ों के अंदर नहीं रखा जा सकता, चाहे उस का ताल्लुक़ अक़िलीयती फ़िर्क़ा से क्यों ना हो|