जनाब ज़ाहिद अली ख़ां ऐडीटर रोज़नामा सियासत ने इस अज़म का इज़हार किया कि साल 2020 तक शहर हैदराबाद में शादीयों में हो रहे इसराफ़-ओ-बेजा रसूमात का मुकम्मिल तौर पर ख़ातमा हो जाएगा।
जहेज़ की मांग और शादीयों की तक़ारीब में फुज़ूलखर्ची और बेजा रसूमात के ख़िलाफ़ इदारा सियासत-ओ-माइनॉरिटी डीवलपमेंट फ़ोर्म ने जो तहरीक का आग़ाज़ किया है इस के इंतिहाई मुसबित और सूदमंद नताइज बरामद होंगे।
उन्होंने कहा कि शादी के रोज़ लड़की वालों की तरफ् से खाने के एहतेमाम से गुरेज़ की मुहिम के मुस्लिम मुआशरे में इंतिहाई हौसला अफ़्ज़ा नताइज बरामद हो रहे हैं।
जनाब ज़ाहिद अली ख़ां ने भारत फंक्शन हाल मौला अली में 28 वीं दु बा दु मुलाक़ात प्रोग्राम से मुख़ातब कर रहे थे जिस का एहतेमाम सियासत-ओ-एम डी एफ़ और अलफ़लाह सोशियो एजूकेशनल सोसाइटी और लाला गौड़ा ओलड ब्वॉयज़ एसोसीएशन के तआवुन से मुनाक़िद किया गया था।
जनाब ज़ाहिद अली ख़ां ने इंतिहाई जज़बाती और गुलो गीर लहजे में कहा कि वो रहें या ना रहें लेकिन उन्हें उमीद हैके जनाब ज़हीरउद्दीन अली ख़ान और जनाब आमिर अली ख़ान इस्लाह मुआशरा की इस तहरीक को सरगर्म-ओ-मुतहर्रिक रखेंगे।
उन्होंने मुसलमानों पर ज़ोर दिया कि वो अपने बच्चों की शादीयों में सादगी इख़तियार करें। लड़की के वालिदेन को ज़ेर बार करने का रुजहान ज़ुलम के बराबर है और ये अमल रज़ाए इलहि के ख़िलाफ़ है।
अगर दुसरे तक़ारीब में खाने का एहतेमाम किया भी जाता है तो उस को सिर्फ़ एक डिश की हद तक महिदूद रखा जाना चाहीए। जनाब ज़ाहिद अली ख़ां ने लड़के वालों को मश्वरा दिया कि वो अपने बहू के इंतिख़ाब में सूरत रंग-ओ-ज़ाहिरी हुस्न-ओ-जमाल पर तवज्जा ना दें बल्कि इस बात को पेशे नज़र रखें कि लड़की हक़ीक़ी मानी में दीनदार हो।
वो अच्छी सीरत-ओ-किरदार की मालिक हो और उमूर ख़ानादारी से उसे दिलचस्पी भी हो। यही खूबियां एक ख़ुशगवार अज़दवाजी ज़िंदगी की ज़मानत है। उन्होंने कहा कि अगर मुसलमानों को क़ौमी और आलमी क़ियादत की ज़िम्मेदारी मुस्तक़बिल में सँभालना हो तो उन्हें तालीमी एतेबार से मज़बूत और मआशी लिहाज़ से मुस्तहकम बनना होगा।