जहेज़ हिरासानी केस में साबिक़ वज़ीर के मुक़द्दमे की समाअत मुल्तवी

उडीशा, 04 अप्रेल: एक मुक़ामी अदालत ने जहेज़ हिरासानी केस के मुल्ज़िम राजा श्री मोहंती की दरख़ास्त ज़मानत पर समाअत को कल तक के लिए मुल्तवी कर दिया है। डिस्ट्रिक्ट सैशन जज वी जे श्री ने समाअत को इस लिए मुल्तवी कर दिया क्योंकि राजा श्री के वकील ने दरख़ास्त ज़मानत से मरबूत मज़ीद कुछ काग़ज़ात के हुसूल के लिए मोहलत तलब की थी।

याद रहे कि राजा श्री को हियूमन राईट्स प्रोटेक्शन सेल ने 17 मार्च को कटक में गिरफ़्तार किया था जिन पर इल्ज़ाम था कि उन्होंने मज़ीद जहेज़ का मुतालिबा करते हुए अपनी बीवी को तक्लीफ़ें दीं। उन्हें SDJM अदालत के रूबरू 8 मार्च को पेश किया गया और बालासोर में उन्हीं 14 दिनों की अदालती तहवील में दे दिया गया क्योंकि अदालत ने उन की दरख़ास्त ज़मानत को मुस्तर्द कर दिया था। यही नहीं बल्कि 21 और 25 मार्च को दाख़िल की जाने वाली दरख़ास्त ज़मानत को भी 30 मार्च के रोज़ मुस्तर्द कर दिया गया था,जबकि अदालत ने मुल्ज़िम की अदालती तहवील की मुद्दत में मज़ीद 14 दिनों का इज़ाफ़ा कर दिया था।

उन की दरख़ास्त ज़मानत को मुस्तर्द करने की अदालत ने ये वजह बताई कि उस वक़्त तक (जब राजा श्री ने ज़मानत तलब की थी) इस केस में मिले हुए दीगर मुल्ज़िमीन की गिरफ़्तारी अमल में नहीं आई थी। साबिक़ वज़ीर और उन की अहलिया को तीन रातें जेल में ही गुज़ारनी पड़ीं और कल ज़मानत पर उन की रिहाई अमल में आई। रघूनाथ मोहंती, उन की बीवी प्रीति लता और बेटे राजा श्री मोहंती को राजा श्री की अहलिया प्रसाद चौधरी की जानिब से 14 मार्च को दर्ज करवाई गई। एफ़ आई आर के बाद गिरफ़्तार किया गया।

दीगर दो मुल्ज़िमीन मोहिनी की बेटी रूपा श्री और दामाद सभनदो मधोल की हुनूज़ गिरफ़्तारी अमल में नहीं आई क्योंकि ये दोनों मफ़रूर बताए गए हैं। बरसा चौधरी ने राजा श्री से गुज़िश्ता साल जून में शादी की थी। इस ने अपनी एफ़ आई आर में अपने ससुराली रिश्तेदारों पर 5 लाख रुपये और एक महंगी बतौर जहेज़ तलब करने का इल्ज़ाम आइद किया जिस के लिए वो उसे जिस्मानी तक्लीफ़ें भी दिया करते थे।