ज़ाहिद अली ख़ां की नुमाइंदगी पर यतीम-ओ-यसीर तलबा को राहत

हैदराबाद 26 जुलाई:सरकारी स्कीमात में अक्सर तलबा-ए-ओ- तालिबात के सरपरस्तों की आमदनी से मुताल्लिक़ सर्टीफ़िकेट या सदाक़तनामे तलब किए जाते हैं। चुनांचे मर्कज़ी हुकूमत की तरफ से अक़लिय‌ती तलबा को दी जाने वाली प्रेरी मेट्रिक और पोस्ट मेट्रिक स्कालरशिप्पस के लिए भी वालिदैन का सदाक़त नामा आमदनी तलब किया गया है और साथ ही ये भी शर्त रखी गई हैके ये सदाक़तनामा मुताल्लिक़ा एम आर ओ ऑफ़िस या मी सेवा से जारी करदा हो। ये एसी शर्त थी कि उसकी तकमील के लिए ग़रीब वालिदैन को काफ़ी परेशानी का सामना करना पड़ता था और दौड़धूप करनी पड़ती थी जबकि सवाल ये पैदा होरहा था कि एसे लड़के लड़कीयां जिन के सर से माँ बाप का साया उठ चुका हो वो कैसे अपने वालिदैन की आमदनी का सदाक़तनामा पेश करेंगे।

इस अहम नुक्ता पर तवज्जा मर्कूज़ करते हुए एडीटर सियासत ज़ाहिद अली ख़ां ने हकूमत-ए-हिन्द से नुमाइंदगी की और वाज़िह किया कि यतीम-ओ-यसीर बच्चों के सर से माँ बाप का साया उठ जाने के बाद उनके वालिदैन का सदाक़तनामा आमदनी पेश करने का सवाल ही पैदा नहींहोता। ये एक तरह से यतीम-ओ-यसीर बच्चों की दिल आज़ारी और उनके साथ एक भोंडे मज़ाक़ की मानिंद है।

ज़ाहिद अली ख़ां की नुमाइंदगी पर मर्कज़ी हुकूमत ने सदाक़तनामा आमदनी की शर्त बताते हुए हलफ़नामा दाख़िल करने की शर्त रखी है ये डिक्लेरेशन तीन सफ़हात पर मुश्तमिल होगा। अहम बात ये हैके मी सेवा में इस के लिए सरपरस्तों को सख़्त मुश्किलात का सामना करना पड़ रहा था और दरमयानी अफ़राद इस का नाजायज़ फ़ायदा उठा रहे थे।