ज़िका वायरस के तीन मामले अहमदाबाद के बापुनगर क्षेत्र में सामने आये हैं । इन तीन मामलो में एक गर्भवती महिला शामिल हैं जिसकी इस जनवरी में जांच की गयी थी। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने भारत में ज़िका वायरस के पहले तीन मामलों की पुष्टि कर दी है। संक्रमण को रोकने के लिए, यह जानना जरूरी है कि यह कैसे फैलता है, इसके लक्षण क्या हैं और एहतियाती उपायों के लिए क्या किया जाना चाहिए।
ज़िका क्या है?
यह ‘एड्स एजैपी मच्छरों’ द्वारा संक्रमित वायरस है । यह वही मच्छर है जो डेंगू और चिकनगुनिया के प्रसारण के लिए ज़िम्मेदार हैं।इस वायरस का नाम युगांडा के ज़िका वन के नाम पर आधारित है, जहां वायरस पहले 1947 में अलग किया गया था।
ज़िका वायरस के प्रभाव
गर्भवती महिलाओं में, ज़िका वायरस के कारण बच्चो में ‘माइक्रोसेफली’ जैसा जन्म दोष पैदा होता है। माइक्रोसेफली में, शिशु का सिर सामान्य से छोटा होता है जो मस्तिष्क के न्यून विकास के कारण होता है। वयस्कों में, ज़िका संक्रमण के परिणामस्वरूप गिलेन-बैरी सिंड्रोम हो सकता है, जो एक न्यूरोलॉजिकल विकार है।
वर्तमान में, संक्रमण के लिए न तो कोई इलाज है और न ही कोई टीका है।
क्या यह भारत के लिए एक चिंता है?
भारत की जलवायु ‘एड्स एजैपी मच्छरों’ के लिए अनुकूल है, जिसके कारण देश में इन मामलो के बढ़ने की आशंका है।
ज़िका वायरस कैसे फैलता है?
- जब ये मच्छर एक संक्रमित व्यक्ति को काटते हैं, तो यह वायरस ले लेता है और फिर यह मच्छर जब एक स्वस्थ व्यक्ति को काटता है, तो ज़िका वायरस फैलता है।
- ज़िका वायरस यौन संपर्कों के माध्यम से भी प्रसारित किया जा सकता है।
- यह रक्त आधान, अंग प्रत्यारोपण संचालन आदि द्वारा संचरित किया जा सकता है।
- गर्भावस्था, प्रसव और स्तनपान के दौरान माता से बच्चे को ट्रांसमिशन भी संभव है।
ज़िका वायरस के लक्षण
- आँख आना
- त्वचा के चकत्ते
- हल्का बुखार
- पेशी या जोड़ों का दर्द
- सरदर्द
हालांकि, संक्रमित व्यक्तियों में से 80% इनमे से कोई भी लक्षण अनुभव नहीं करते।
संक्रमण को रोकने के लिए एहतियाती उपाय
- एड्स एजैपी मच्छर ताजा पानी में बढ़ता है इसलिए जिन भी चीज़ो में पानी रखा जाता है उन्हें या तो खाली करें या उन्हें ढक कर रखें
- ऐसे पोशाक पहनें जिनसे पूरा शरीर ढाका हुआ हो
- बाहर जाने के दौरान मच्छर विकर्षक का उपयोग करें
- खुले क्षेत्र में सोते समय, मच्छरदानी का उपयोग करें