ज़िला करीमनगर में इजतिमाई शादियों की स्कीम नाकाम‌

कोरटला, 03 अप्रेल: जनाब इलियास अहमद ख़ान सदर वेलफ़ेर पार्टी आफ़ इंडिया शाख़ कोरटला ने एक सहाफ़ती बयान में कहा कि रियासती हुकूमत के महिकमा इकलेती बहबूद के तहत इकलेती मालियाती कारपोरेशन ज़िला करीमनगर की जानिब से ज़िला के मुख़्तलिफ़ मुक़ामात पर 31 मार्च 2013 को जो गरीब-ओ-मुस्तहिक़ लड़कियों की शादियां अंजाम दी गई‍ं। उन की तादाद सिर्फ़ पाँच है। जिन में करीमनगर मुस्तक़र पर 2 जमी कु‍टा में 2 और सिरिसिल्ला में 1 जबकि गुज़िश्ता हमारे पड़ोसी ज़िला वरंगल में इस स्कीम के तहत 30 शादियां अंजाम दी गईं।

उन्होंने कहा कि इकलेती बहबूद के सरकूलर के मुताबिक़ हर मंडल सतह पर 2 म्यूनसिपल सतह पर 15 और हर असेम्बली हलक़े में 10 शादियां सरकारी स्कीम के तहत अंजाम देना है और इस स्कीम को कामयाब बनाने की ज़िम्मेदारी ई डी माइनारेटी फ़ैनानस कारपोरेशन एम पी डी ओ म्यूनसिपल कमिशनर और तहसीलदार पर आइद होती है। उन्होंने अफ़सोस का इज़हार करते हुए कहा कि ओहदेदारों की कारकर्दगी मायूस कुन है और ओहदेदार स्कीम के तहत उन गरीब लड़कियों की शादियों की अंजाम दही में लापरवाही बरत रहे हैं और अदम दिलचस्पी का मुज़ाहिरा कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि स्कीम की तशहीर में इकलेती मालियाती कारपोरेशन डिस्ट्रिक्ट ऑफ़िस अमला बिलकुल नाकाम है। जब कोई फ़र्द शादी के मामले में दफ़्तर के अमला से रुजू होता है तो उन की सही रहनुमाई नहीं की जाती। जनाब इलयास अहमद ख़ान ने डिस्ट्रिक्ट कलेक्टर श्रीमती सुमीता सहबरवाल से ख़ाहिश की कि गरीबों के लिए बनाई गई इस स्कीम को कामयाब बनाने के लिए मुताल्लिक़ा ओहदेदारों को फ़र्ज़शनासी के साथ काम अंजाम देने के लिए अहकामात जारी करें और मुतय्यन निशाने के हुसूल के लिए ऊपर दबाव‌ डालें।

उन्होंने हुकूमत की जानिब से इन नौ ब्याहता जोड़ों के लिए इंदिरा माँ हाउज़िंग स्कीम के तहत मकानात अलॉट करने और इस्त्री निधि स्कीम के तहत बिलासूदी क़र्ज़ जारी करने के जो अहकामात हैं। उस को भी अमली जामा पहनाएं। उन्होंने कहा कि शादी के लिए मुतय्यन जो प्रोफार्मा है इस के साथ सिर्फ़ सफेद राशन कार्ड को ही मुंसलिक करना लाज़मी क़रार दिया जाये क्योंकि इस में इनकम, उमर और सुकून सब दर्ज रहती है। दीगर सर्टिफिकेट को लाज़िम क़रार देने से ये नाख़्वान्दा और गरीब अफ़राद दफ़ातिर के चक्कर काट नहीं सकते।

उन्होंने कहा कि इस के इलावा मास मैरेज मुशावरती कमेटी जो बनाई गई है इस में सिर्फ़ करीमनगर के अफ़राद को ही शामिल किया गया है। उन्होंने मुशावरती कमेटी में ज़िले के तमाम मुक़ामात के अफ़राद जो ख़िदमते ख़लक़ का जज़बा और समाजी काम अंजाम देने में आगे आगे रहते हैं शामिल करने की अपील की।