ज़िला मेदक के देहातों में गोश्त की तक़सीम

मुस्तक़र मेदक में वाक़्य सफ़ा बेत उलमाल शाख़ मेदक के ज़ेर एर एहतेमाम हर साल की तरह इसाल भी पसमांदा मवाज़आत में मौजूद एसे गरीब-ओ-नादार लोग जिनका कोई पुर्साने हाल नहीं और जो अपनी ग़ुर्बत वाफ़लास की वजह से क़ुर्बानी भी नहीं दे सकते।

इन तक सफ़ा बेत उलमाल शाख़ मेदक ने सरपरस्त सफ़ा बेत उलमाल शाख़ मेदक मौलाना मुहम्मद जावेद अली हुसामी निगरानी-ओ-सरपरस्ती में जुमला 15 बड़े जानवरों का गोश्त ज़िला मेदक के 30 से ज़ाइद मवाज़आत में तक़सीम किया गया।

इस की तफ़सीलात से वाक़िफ़ करवाते हुए सरपरस्त सफ़ा बेत उलमाल शाख़ मेदक जनाब हज़रत मौलाना मुहम्मद जावेद अली हुसामी ने कहाके पिछ्ले साल ज़िला मेदक के 15 मवाज़आत में 10 बड़े जानवरों का गोश्त तक़सीम किया गया था।

लेकिन इसाल इस तक़सीम किए जाने वाले गोश्त में इज़ाफ़ा करते हुए 15 बड़े जानवरों को ज़िला मेदक के 30 मवाज़आत में तक़सीम किया गया।