ज़ैतून :फ़ायदे ही फ़ायदे

ज़ैतून का पौदा बेशुमार तिब्बी फ़वाइद रखता है यूरोप और अरब ममालिक में उसे बहुत पसंद किया जाता है।इस का तेल दुसरे ख़ुर्दनी अश्याय के लिए हिफ़ाज़त करने वाला है। फल से तेल निकालने का अमल तीन बार होता है लेकिन पहली बार में निकाला गया तेल बेहतरीन किस्म सुनहरे रंग और हल्की ख़ुशबू वाला होता है। इस के तेल की काई क़समें कई साल तक ग़ैर मुतास्सिर हालत में बरक़रार रहती हैं ।ज़ैतून के पत्तों का पानी लगाने से सुर्ख़ फुंसीयों और ख़ारिश में फ़ायदा होता है। वो फोड़े जिनसे बदबू आती हो ज़ैतून के तेल से ठीक होजाते हैं।

ज़ैतून का आचार भूक बढ़ाता है और ज़्यादा मिक़दार में इस्तेमाल करने से क़बज़ की शिकायत दूर होजाती है। जंगली ज़ैतून के पत्तों का रस कान में डालने से कान बहने बंद होजाते हैं। मुस्तक़िल तौर पर ज़ैतून का तेल सर पर लगाने से ना बाल गिरते हैं और ना ही क़बल अज़ वक़्त सफ़ैद होते हैं। अगर ख़वातीन दौरान-ए-हमल ज़ैतून के तेल का बाक़ायदगी के साथ इस्तेमाल करें तो बच्चे के दिमाग़ की अच्छी नशो-ओ-नुमा होती है इस लिए कि इन्सानी दिमाग़ की तशकील का ज़्यादा-तर हिस्सा रहम मादर में और दूध पीने की उम्र में ही पूरा होता है