ज़ख़मी और दम तोड़ते हुए मुअम्मर क़ज़ाफ़ी के साथ बाग़ीयों का ग़ैर इंसानी सुलूक

मिस्र 22 अक्टूबर( ए पी)(अक़वाम-ए-मुत्तहिदा इंसानी हुक़ूक़ कमीशन का सख़्त नोट , तहक़ीक़ात का हुक्म , मुअम्मर क़ज़ाफ़ी की खु़फ़ीया तौर पर नमाज़ जनाज़ा और तदफ़ीन, उबूरी हुकूमत का दावे, क़ज़ाफ़ी की मौत की तसावीर का अफ़सोसनाक मुज़ाहरा) लीबिया के नए क़ाइदीन ने दावे किया है कि मुअम्मर क़ज़ाफ़ी की आज बाद नमाज़ जुमा इस्लामी तरीक़ा से तजहीज़-ओ-तकफ़ीन अमल में आई।

नमाज़ जनाज़ा के बाद उन की तदफ़ीन की गई। मुअम्मर क़ज़ाफ़ी को कल एक पाइप लाईन मैं रूपोशी से बाहर निकाल कर बाग़ीयों ने गोलीयों से छलनी कर दिया था जिस में इन की और उन के फ़र्ज़ंद मोतसिम की मौत वाक़्य हो गई।

बाग़ीयों ने दावे किया है कि क़ज़ाफ़ी ने अपने आबाई वतन में बाग़ीयों से ख़ाहिश की कि उन्हें गोली ना मारी जाई। क़ज़ाफ़ी की बेदख़ली के दो माह बाद उबूरी कौंसल से वाबस्ता बाग़ीयों ने तेल की दौलत से मालामाल इस मुल्क पर 42 साल से हुकूमत करने वाले हुक्मराँ का ख़ातमा कर दिया ।

उबूरी कौंसल ने कहा कि उबूरी लीडर मुस्तफ़ा अबदुलजलील कल बरोज़ हफ़्ता लीबिया की आज़ादी का रस्मी ऐलान करेंगी। लीबिया के मशरिक़ी शहर बन ग़ाज़ी में जहां फरवरी के वस्त में मुअम्मर क़ज़ाफ़ी की हुक्मरानी के ख़िलाफ़ बग़ावत शुरू हुई थी, नई हुकूमत का ऐलान किया जाएगा और लीबिया की आज़ादी का जश्न मनाया जाएगा। क़ौमी उबूरी कौंसल ने हमेशा कहा है कि वो लीबिया की आज़ादी के एक माह के अंदर एक नई उबूरी हुकूमत तशकील देगा और 8 माह के अंदर इंतिख़ाबात करवाए जाएंगी। कारगुज़ार वज़ीर-ए-आज़म महमूद जिब्राईल ने कल मुअम्मर क़ज़ाफ़ी की मौत की तसदीक़ की कहा कि वो तेल की दौलत से मालामाल इस शुमाली अफ़्रीक़ी मुल़्क की क़ियादत करने के लिए दूसरों को मौक़ा फ़राहम करने अस्तीफ़ा देंगे ताकि इस मुल्क में जमहूरीयत लाई जा सकी।

उन्हों ने तरह बुल्स में एक प्रैस कान्फ़्रैंस के दौरान कहा कि नई हुकूमत की तशकील क़ौमी उबूरी कौंसल का मौज़ू है और मैं नई हुकूमत का हिस्सा नहीं रहूँगा। उन्हों ने लीबिया के अवाम से अपील की कि वो अपने इख़तिलाफ़ात को बालाए ताक़ रख कर नई हुकूमत का साथ दें। इसी दौरान न्यूयार्क से पी टी आई की रिपोर्ट में बताया गया कि लीबिया के रहनुमा मुअम्मर क़ज़ाफ़ी की मौत के बाद ली गई मोबाईल तसावीर को दुनिया भर में दिखाया जा रहा है।

ख़ून में लत पत् ज़ख़मी मुअम्मर क़ज़ाफ़ी की तड़प और बेबसी का मंज़र मोबाईल फ़ोन में क़ैद करके उन की तसावीर तक़सीम किए जा रहे हैं। बाग़ीयों ने उन्हें ज़िंदा गिरफ़्तार करके गोलीयों से चलनी करदिया और उन की नाश से लिबास और तमगे नोच कर उन्हें सर-ए-आम लहराना शुरू किया। इस मंज़र की फ़िल्म बंदी की गई और इस की तशहीर भी की जा रही है।

मुअम्मर क़ज़ाफ़ी की मौत के दिलख़राश तसावीर के मंज़रे आम आते ही अक़वाम-ए-मुत्तहिदा इंसानी हुक़ूक़ के सरबराह ने आलमी तहक़ीक़ात कारों को हिदायत दी है कि वो लीबिया के रहनुमा की मौत के अस्बाब और हालात का जायज़ा लें। अक़वाम-ए-मुत्तहिदा इंसानी हुक़ूक़ के तर्जुमान ने मुअम्मर क़ज़ाफ़ी की आख़िरी सांस लेते हुए लमहात की अक्स बिंदी और तसावीर को निहायत ही सदमा ख़ेज़ क़रार दिया है। ये मुनाज़िर इंसानी हुक़ूक़ के मुनाफ़ी हैं।

लेकिन लीबिया के नए क़ाइदीन ने मुअम्मर क़ज़ाफ़ी को इस्लामी तर्ज़ पर दफ़न करने का दावे किया ही। न्यूयार्क टाईम्स ने कहा कि बंदरगा ही शहर मिस्र ता से ताल्लुक़ रखने वाले बाग़ीयों के एक छोटे ग्रुप ने क़ज़ाफ़ी की आख़िरी पनाहगाह पर हमला करके उन का तआक़ुब करते हुए ख़ातमा किया। दो बाग़ीयों ने जिन की 21 साला इमरान शाबान और इस के नामालूम दोस्त ने दावे किया है कि उन्हों ने अव्वल मुअम्मर क़ज़ाफ़ी को एक पाइप के अंदर ज़ख़मी हालत में पाया। जब उन्हों ने हमें देखा , उन्हों ने अपने मख़सूस अंदाज़ में सवाल किया कि क्या हो रहा है। उन्हों ने अपने सर और सीने से ख़ून बह जाने की शिकायत की। वो उस वक़्त अच्छी तरह से बात कर रहे थे लेकिन बादअज़ां उन की ज़बान लड़खड़ाने लगी।

मुअम्मर क़ज़ाफ़ी की हलाकत किस तरह हुई उस की वज़ाहत किए बगै़र बाग़ी नौजवान शाबान ने मुअम्मर क़ज़ाफ़ी की अशीया को मिस्र ता में लहराते हुए बताया। इन में क़ज़ाफ़ी की गोल्डन गुण स्टेलाइट फ़ोन इन का स्कार्फ़ और एक स्याह जूता शामिल ही। कल रात मिस्र ता भर में जश्न का माहौल था जहां क़ज़ाफ़ी की नाश को सब से बड़ा इनाम समझा जा रहा था।