नई दिल्ली: पंजाब के अमृतसर में दशहरा के दिन हुए ट्रेन हादसे में रेलवे को क्लीनचिट मिल गई है. हादसे में 61 लोग मारे गए थे. रेलवे सुरक्षा के मुख्य आयुक्त (सीसीआरएस) ने रेलवे को क्लीनचिट दे दी है. रेलवे के जांच अधिकारी ने हादसे के लिए दशहरा समारोह देखने के मकसद से रेलवे पटरियों पर खड़े लोगों की लापरवाही को जिम्मेदार बताया है.
मुख्य रेलवे सुरक्षा आयुक्त एसके पाठक ने अपनी रिपोर्ट में कहा है, ‘तथ्यों और साक्ष्यों पर सावधानी पूर्वक गौर करने के बाद मैं इस अंतिम निष्कर्ष पर पहुंचा हूं कि 19 अक्टूबर को शाम 6 बजकर 55 मिनट पर फिरोजपुर मंडल के अमृतसर के निकट जोड़ा फाटक पर हुआ ट्रेन हादसा उन लोगों की लापरवाही का नतीजा है, जो दशहरा का मेला देखने के लिए पटरी पर खड़े थे. रिपोर्ट में उन्होंने दुर्घटना को ‘रेलवे लाइन के पास जनता द्वारा काम करने में त्रुटि’ के रूप में वर्गीकृत किया है और भविष्य में ऐसी दुर्घटनाओं से बचने के लिए कई सिफारिशें की हैं.
बता दें कि अमृतसर में दशहरे के दिन रामलीला देखने आए लोगों को ट्रेन ने कुचल दिया था. भीड़ होने की वजह से कुछ लोग मैदान के पास ही मौजूद पटरी पर खड़े होकर रावण वध देख रहे थे. लेकिन इसी बीच अमृतसर के जोड़ा फाटक के पास से दो ट्रेनें गुज़री और महज़ 32 सेकेंड में 61 लोगों की जानें चली गईं. मामले में ट्रेन के ड्राइवर ने भी अपना लिखित बयान दिया था.
ड्राइवर ने अपने बयान में बताया ‘वह जालंधर से चला था. मानावाला से निकला और अचानक ट्रैक पर लोग दिखे. जैसे ही उसने देखा ब्रेक लगाया, लेकिन गाड़ी की स्पीड कंट्रोल करते करते लोगों से टक्कर हो गई. गाड़ी पूरी तरह से रुकी नहीं थी कि पीछे से पब्लिक ने अटैक करना शुरू कर दिया. गार्ड ने उसे बताया कि पब्लिक ने अटैक करना शुरू कर दिया है. ऐसे में यात्रियों की सुरक्षा को देखते हुए उसने ट्रेन नहीं रोकी.’