मुंबई। प्रमुख इस्लामी उपदेशक जाकिर नाइक ने अपनी एनजीओ पर प्रतिबंध के फैसले पर बयान जारी किया है। नाइक ने अपने बयान में कई दावे किए हैं और केंद्र सरकार और देश की मीडिया को निशाने पर लिया है। नाइक ने अपने बयान में कहा है कि उनकी प्रतिबंधित संगठन से किसी भी फंड का कोई दुरुपयोग नहीं किया गया है और उन्होंने आतंकवाद से संबंधित गतिविधियों में लिप्त होने के आरोप को खारिज किया।
न्यूज़ नेटवर्क समूह प्रदेश 18 के अनुसार नाइक ने मोदी सरकार पर कहा, ‘मुझे नहीं लगता बल्कि यह है कि केंद्र सरकार मुस्लिम विरोधी है। आईआरएफ पर पाबंदी लगाना इसका सबसे बड़ा उदाहरण है जबकि राजेश्वर सिंह, योगी आदित्यनाथ और साध्वी प्राची जैसे लोग अभी भी उनके अंडर हैं और यह सवाल मुझसे नहीं, जनता से पूछे जाने चाहिए।
नाइक ने कहा कि मीडिया ने बार बार दिखाया कि मलेशिया में बैन हूँ और अब पासपोर्ट की बात कर रहे हैं। न तो मलेशिया में बैन हूं और न ही वहां का नागरिक हूँ। आईआरएफ को सभी पैसे ज़कात के मिलते हैं। वर्तमान में विदेश में रह रहे और भारत में वापस आने को लेकर कोई स्पष्ट बात न कहते हुए 51 वर्षीय नाइक ने कहा कि उन्होंने एनआईए को सहयोग की बार बार पेशकश की है।
नाइक के खिलाफ आतंकवाद निरोधक कानून यूएपीए के तहत और नफरत फैलाने वाले भाषण देने का मामला दर्ज हुआ है।
नाइक ने समाचार एजेंसी पीटीआई भाषा से ई मेल इंटरव्यू में कहा है कि ‘यह कहना गलत है कि आतंकवादी समूहों में शामिल होने वाले कुछ बदमाश मुझसे प्रभावित थे। अगर मैं वास्तव में आतंकवाद फैला रहा होता तो अब तक कई लाख आतंकवादी बन गए होते? केवल कुछ ही नहीं। ‘उन्होंने कहा, कि ‘ मेरे लाखों अनुयायियों में कुछ असामाजिक हो सकते हैं जो दूसरे रास्ते पर जा कर हिंसा करेंगे। लेकिन वह निश्चित रूप से मेरे द्वारा कही बातों पर अमल नहीं कर रहे हैं। जिस पल वह मूर्खतापूर्ण हिंसा करते हैं, वे इस्लामी नहीं रहते और वे निश्चित रूप से मेरी मदद खो देते हैं।
उनके एनजीओ ‘इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन’ पर प्रतिबंध को चुनौती देने के लिए कानूनी कदम के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि दिल्ली और मुंबई की उनकी कानूनी टीम इस मामले पर विचार कर रही हैं और जल्द ही अदालत जाएंगे ।
केंद्र ने हाल में आई आर एफ पर पांच साल का प्रतिबंध लगा दिया है और इसे गैर कानूनी संगठन घोषित किया है। नाइक ने कहा कि आईआर एफ पर प्रतिबंध राजनीति से प्रभावित है। विदेशों से मिली पैसों में आईआरएफ द्वारा की गई मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप पर उन्होंने कहा कि पिछले छह से अधिक साल में दुबई में उनके निजी खाते से मुंबई में उनके निजी खाते में वह 47 करोड़ रुपये आए जो सवालों के घेरे में हैं।
नाइक ने कहा, कि ‘उन्होंने रिटर्न में इसका पूर्ण रूप से एलान किया है। मुझे नहीं पता कि समस्या कहां है। ‘यह पूछे जाने पर कि वह भारत क्यों नहीं वापस आ रहे हैं, नाइक ने कहा कि उन्होंने जांच में सरकारी एजेंसियों को अपने सहयोग की बार बार पेशकश की लेकिन आज तक किसी भी एजेंसी ने उनसे न तो संपर्क किया, न सवाल पूछे और न ही कोई नोटिस भेजा।