नई दिल्ली। मिल्ली गजट के संपादक और ऑल इंडिया मुस्लिम मजलिस मुशावरत के पूर्व अध्यक्ष डॉ। जफ़रुल इस्लाम खान ने इस्लामिक उपदेशक डॉक्टर ज़ाकिर नाइक और उनके संस्थानों पर टूटने वाली मुसीबत पर आमतौर पर मिल्लत में छाई चुप्पी पर चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि जाकिर नाइक के खिलाफ हमला मोदी सरकार और उनके समर्थकों के इस्लाम और मुसलमानों के खिलाफ एजेंडे का हिस्सा है।
न्यूज़ नेटवर्क समूह प्रदेश 18 के अनुसार प्रेस रिलीज़ जारी कर उन्होंने कहा है कि ढाका से आने वाली एक झूठी खबर का बहाना बनाकर उनके खिलाफ एक माहौल बनाया गया हालांकि इस खबर का खंडन अगले ही दिन हो गया था। धीरे धीरे नौबत यहां तक पहुंची कि उनके संस्थान इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन और अन्य शैक्षिक और धर्मार्थ संस्थाओं को अवैध करार दे दिया गया है। इन संस्थाओं के ऑफिसों पर कब्जा कर लिया गया है, उनके विश्व स्तरीय स्कूल पर भी कब्ज़े की तैयार हो रही है और उनके खिलाफ इंटरपोल के माध्यम से रेड कार्नर नोटिस जारी करके दुनिया के किसी भी हिस्से से उन्हें गिरफ्तार कर भारत लाने की तैयारी शुरू हो चुकी ताकि उन्हें कई साल जेल में रखकर मिल्लत को बदनाम किया जा सके।
संपादक ने कहा कि जाकिर नाइक के खिलाफ हमला मोदी सरकार और उनके समर्थकों के इस्लाम और मुसलमानों के खिलाफ एजेंडे का हिस्सा है। मुस्लिम पर्सनल लॉ पर हमला, मस्जिदों और कब्रिस्तानों पर हमला, आए दिन दंगा, लव जिहाद, घर वापसी, गाय और गाय मांस के नाम पर हत्या एक संगठित साजिश का हिस्सा हैं। डायनेमिक मुसलमानों को शांत करने और उन्हें सबक सिखाने के इस योजना के तहत पहले भी विद्वानों को आतंकवाद के झूठे आरोप लगाकर बंद किया जाता रहा है। इसका ताजा शिकार ज़ाकिर नायक हैं।
डॉक्टर जफर इस्लाम ने चेतावनी दी कि अगर हमने इस साजिश को न पहचाना और उसके खिलाफ आवाज बुलंद नहीं की तो जल्द ही यह आग हमारे घरों तक पहुंचेगी तब तक बहुत देर हो चुकी होगी। धर्म, मसलक और क्षेत्रों में यह आग कोई भेदभाव नहीं करती है। उन्होंने आगे कहा कि जरूरत है कि मामले की गंभीरता से संज्ञान लिया जाए और मौजूदा सरकार को साफ तरीके से बता दिया जाए कि यह आक्रामक रवैया मिल्लत को स्वीकार नहीं है।