इस्लाम के प्रचारक जाकिर नाईक को लेकर बड़ी खबर है कि कानून मंत्रालय ने सरकार से कहा है कि जाकिर नाईक के इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन को बैन किया जा सकता है. कानून मंत्रालय ने जाकिर नाईक पर दर्ज 2005 और 2012 के एफआईआऱ को आधार बनाकर सरकार को सिफारिश भेजी है.
होम मिनिस्टरी ने भी जाकिर की संस्था को गैर कानूनी संगठन घोषित करने को कहा है. 1991 से जाकिर का इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन काम कर रहा है. संस्था पे धर्मपरिवर्तन के इलज़ाम लगे है वही विदेश से लेनदेन को आधार बना के बैन लगाने की प्रक्रिया आगे बड़ाई जा रही है
अगर बैन लगा तो कम से कम 5 साल के लिए लगेगा. संगठन कहीं से चंदा भी नहीं ले सकेगा. कोई चंदा दे भी नहीं सकता. हालांकि संसद में सरकार कह चुकी है कि जाकिर के आतंकी कनेक्शन के सबूत नहीं मिले हैं, लेकिन 55 आतंकी जाकिर के भाषणों से प्रेरित रहे हैं.