हरियाणा में फरवरी में जाट आंदोलन के दौरान हिंसा को लेकर गठित कमिटी की जांच के दौरान कई चौंकाने वाले बयान दर्ज किए गए हैं। इसमें सामने आया है कि हिंसा के दौरान कई पुलिसकर्मियों ने विद्रोह कर दिया था। उन्होंने ऊपर से मिले आदेशों को भी मानने से इनकार कर दिया था। इनमें से ज्यादातर पुलिसकर्मी जाट समुदाय से थे और इनकी संख्या सैंकड़ों में थी। रोहतक और झज्जर में इस तरह की ज्यादा घटनाएं हुई।
प्रकाश सिंह पैनल की जांच में सामने आया कि प्रत्येक जिले में औसतन 60-70 पुलिसकर्मियों ने अपने पद की जिम्मेदारियों को छोड़ा। इस दौरान भीड़ ने कई दुकानों और घरों को जला दिया। जांच पैनल में रिटायर्ड पुलिस अधिकारी प्रकाश सिंह, एडिशनल चीफ सेक्रेटरी विजय वर्धन और डीजीपी केपी सिंह शामिल है। पैनल ने इस तरह के पुलिसकर्मियों की लिस्ट बनाई है। इसमें उनके नाम, रैंक, बेल्ट नंबर, पोस्टिंग की जगह और पोस्ट से गायब रहने के दिनों की संख्या लिखी गई है।