जाट आंदोलन से निपटने में केंद्र और‌ राज्य सरकार से कोताही नहीं हुई

नई दिल्ली: हरियाणा में जाट समुदाय के आरक्षण के लिए विरोध से निपटने के मामले में केंद्र और‌  राज्य सरकार से कोई कोताही नहीं हुई। केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने यह बात बताई। राज्य में हिंसा की घटनाओं पर विपक्षी सदस्यों की गंभीर नाराज़गी का सामना करते हुए राजनाथ सिंह ने कहा कि जहां तक ​​केंद्र सरकार और राज्य सरकार का संबंध है उनकी नजर में कोई कोताही नहीं हुई है।

उन्होंने कहा कि सरकार हरियाणा को उम्मीद थी कि जाट समुदाय के नेताओं से बातचीत के जरिए आरक्षण समस्या का कोई समाधान खोज लिया जाएगा लेकिन एक घटना के बाद विरोध ने हिंसा का रूप ले लिया। उन्होंने इस घटना का उल्लेख करते हुए बताया कि बीएसएफ को प्रदर्शनकारियों पर फायरिंग करनी पड़ी जिसमें तीन लोग मारे गए थे।

राज्यसभा में अतिरिक्त सवाल का जवाब देते हुए राजनाथ सिंह ने कहा कि केंद्र ने विशेष निर्देश जारी किए थे। इसके अलावा राज्य सरकार के पास ही उसकी खुफिया सूचनाएं भी थीं। सरकार हरियाणा के पास खुफिया रिपोर्टों के बावजूद केंद्र ने भी 19 फरवरी को राज्य सरकार को विशेष निर्देश जारी किए थे।

उन्होंने मनोहर लाल खत्री आभरकयादत सरकार इस समस्या से निपटने में विफलता पर विपक्ष की आलोचना को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि पूर्व डीजीपी प्रकाश सिंह की जांच आयोग का गठन किया गया है जो विभिन्न पहलुओं पर गौर करेंगे। उन्होंने सदस्यों से रिपोर्ट का इंतेजार करने की इच्छा। हिंसक घटनाओं के बाद कार्रवाई का विवरण बताते हुए गृह मंत्री ने कहा कि 2012 प्राथमिकी दर्ज किए गए।