सोनीपत : हरियाणा के सोनीपत जिले में नेशनल हाईवे-1 पर सोमवार की सुबह कुछ गाड़ियों को रोककर उनमें सवार औरतों के साथ गैंग रेप किया गया. लेकिन पुलिस इस मामले को केवल अफवाह बताकर अपना पल्ला झाड़ रही है. जबकि चश्मदीदों के मुताबिक 10 औरतों के साथ गैंग रेप करने के बाद उन्हें खेतों में छोड़ दिया गया.
दैनिक ट्रिब्यून की खबर के मुताबिक यह खौफनाक हादसा मुरथल के पास हुई. अब सोनीपत का जिला प्रशासन और पुलिस इस मामले को दबाने की कोशिश में जुटे हैं. यहां पुलिस पीड़ितों और उनके परिवारों को ‘अपने सम्मान की खातिर’ रिपोर्ट दर्ज न कराने को कह रही है. दैनिक की खबर के मुताबिक सोमवार तड़के 30 से ज्यादा बदमाशों ने एनसीआर की तरफ जाने वाले कई गाड़ियों को रोका और उनमे आगजनी की गाड़ियों में सवार लोग जान बचाकर भागने लगे, लेकिन कुछ औरतें नहीं भाग पाईं. उन बदमाशों ने औरतों के कपड़े फाड़ दिये और उनके साथ रेप किया. इस खौफनाक वारदात की पीड़ित महिलाएं तब तक खेतों में पड़ी रहीं जब तक कि उनके रिश्तेदार और गांव हसनपुर और कुराड के लोग कपड़े और कंबल लेकर नहीं आ गए. नाम उजागर न करने की शर्त पर एक चश्मदीद ने दैनिक को बताया कि तीन महिलाओं को अमरीक सुखदेव ढाबे पर ले जाया गया, जहां वे वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की मौजूदगी में अपने फैमिली से मिलीं. वे बेहोशी की हालत में थीं.
सोनीपत जिला प्रशासन के अधिकारी भी आ वहां पहुंचे लेकिन मामले की जांच या पीड़ितों को मेडिकल सुविधा उपलब्ध कराने के बजाय उन्होंने परिजनों पर महिलाओं को घर ले जाने का दबाव बनाया. और कई पीड़ितों को वाहन भी उपलब्ध कराये.ढाबा चलाने वालों ने बताया कि कुछ महिलाएं तो इन खूंखार लोगों के चंगुल से आश्चर्यजनक ढंग से बचके उनके ढाबे तक पहुंच गईं थीं. उन्होंने बताया कि चार औरतें उनके ढाबे पर लगी टंकियों के पीछे छिप गईं थी. तभी हमने सारी बत्तियां बुझा दीं, ताकि उनका पीछा कर रहे लोगों का ध्यान उनकी तरफ न जाए. वे वहां लगातार चार घंटों तक बैठी रहीं.
कई लोगों ने पुष्टि करते हुए कहा कि मौक पर पीड़ितों को ‘बदनामी से बचने के लिये’ इस मामले को न उठाने की बात समझाई गई. पीड़ित और उनके परिजनों की भीड़ के बीच इस मौके पर सेना के भी कुछ अफसर मौजूद थे.