जानिए: रमज़ान के मुबारक माह में आप क्या कर सकते हैं और क्या नहीं?

कई लोग समझते हैं कि रमजान में मुसलमान कुछ नहीं खाते. बिल्कुल खाते हैं, लेकिन सुबह को सूर्योदय से पहले और शाम को सूर्यास्त के बाद. यानी सहरी और इफ्तार में. लेकिन दिन में ना कुछ खाना है और न पीना.

इस्लाम में हराम करार दी गईं पोर्क और शराब जैसी चीजों को छोड़ कर सहरी और इफ्तार में कुछ भी खा सकते हैं. अलग अलग देशों में आपको रजमान के दौरान अलग अलग खाने की परंपरा मिलती हैं.

रमजान रूह को पवित्र करने का महीना है. इस दौरान बहुत से लोग दूसरों की सेवा करते हैं और खुले से दान भी देते हैं. रमजान को दुआओं और बरकत का महीना माना जाता है.

रोजे के दौरान नहाने पर कोई रोक नहीं है, बस ख्याल यह रखना है कि पानी को निगलें ना. इसके अलावा और कोई रास्ता नहीं है जिसके जरिए पानी आपके शरीर में पहुंच सकता है.

बीड़ी, सिगरेट, गुटका या तंबाकू जैसी चीजों का सेवन मुंह के जरिए किया जाता है, तो रोजे के दौरान इनसे दूर रहने की हिदायत दी जाती है. वरना आपका रोज टूट सकता है.

अगर आप गंभीर रूप से बीमार हैं या फिर लंबे समय से आपकी दवाएं चल रही हैं तो आपको रोजा ना रखने की छूट है. लेकिन रोजे के दौरान हल्के फुल्के सिरदर्द या एसिडिटी की दवा आप नहीं ले सकते.

रोजा सभी मुसलमानों का फर्ज माना जाता है. लेकिन बहुत ज्यादा बूढ़े, बीमार, बच्चे और सफर करने वाले लोगों को रोजा न रखने की छूट है.
कई बार किसी दिक्कत या फिर व्यस्तता के कारण किसी का रोजा छूट जाता है, तो वह फिर साल में किसी भी दिन अपने रोजे को पूरा कर सकता है.

रमजान में किसी की चुगली या बुराई करने, झूठ बोलने, कसमें खाने और नाक भौं चढ़ाने से बचिए. रमजान का मतलब सिर्फ रोजा रखना नहीं बल्कि अच्छे काम करना भी है.

कई लोगों को चुंगम चबाने का शौक होता है. लेकिन रोजे में आपको इसकी इजाजत नहीं है, क्योंकि जैसे ही आपने मुंह में कुछ चबाया, आपका रोजा टूट जाएगा.

रोजे के दौरान किसी भी तरह के महिला और पुरुष के बीच शारीरिक संपर्क की इजाजत नहीं है. पत्नी के साथ संबंध बनाने के लिए उलेमा से जरुर राय ले. वैसे अगर एक माह दूर रहे तो और बेहतर.