जानिए, साइबर वार के लिए भारत कितना तैयार?

मौजूदा समय में साइबर युद्ध बहुत बड़ा खतरा बन चुका है लेकिन भारत अभी इस तरह के युद्ध से जूझने के लिए पूरी तरह तैयार नहीं है। यह बात सेना से रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल डीएस हुड्डा ने कही है। हुड्डा को साइबर वारफेयर का विशेषज्ञ माना जाता है।

यह वही लेफ्टिनेंट जनरल हुड्डा हैं जिनकी देखरेख में 2016 में पाकिस्तान के कब्जे वाले इलाके में घुसकर सेना ने सर्जिकल स्ट्राइक की थी।

लेफ्टिनेंट जनरल हुड्डा के अनुसार साइबर युद्ध बड़ा खतरा बनकर उभर रहा है। युद्धकाल में यह बड़ा नुकसान पहुंचाने वाला हथियार बन सकता है। लेकिन भारतीय सेना को अभी तक युद्ध के इस तरीके से निपटने में महारत हासिल नहीं है।

हुड्डा ने कहा कि युद्ध के इस नए तरीके का दिनों-दिन विकास हो रहा है। जैसे-जैसे हमारे जीवन में इंटरनेट का प्रभाव बढ़ रहा है, वैसे-वैसे हम इससे जुड़े खतरों से भी घिरते जा रहे हैं।

सेना के पूर्व जनरल के अनुसार संवेदनशील जानकारियों और सैन्य संस्थानों के इंटरनेट से जुड़ जाने से खतरा और ज्यादा बढ़ गया है। आधारभूत सुविधाओं पर होने वाला साइबर हमला हालात बिगाड़ सकता है।

भारत इस तरह के खतरे के मुहाने पर है। भविष्य में लड़ा जाने वाला युद्ध जमीन, जल, आकाश, अंतरिक्ष के साथ ही साइबर नेटवर्क पर भी होगा। हुड्डा ने कहा, साइबर अटैक के लिहाज से भारत दुनिया में तीसरे स्थान पर है जबकि उससे निपटने की देश की तैयारियां 23 वें स्थान पर हैं।

जैसे-जैसे भारत आर्थिक, राजनीतिक और कूटनीतिक रूप से मजबूत हो रहा है, वैसे-वैसे यह खतरा बढ़ रहा है। साइबर अटैक मजबूत देशों के खिलाफ कमजोर देशों का सबसे बड़ा हथियार है। हुड्डा ने कहा, ऐसा कोई कारण नहीं है जिससे पाकिस्तान भारत के खिलाफ इस हथियार का इस्तेमाल करने से हिचकेगा।