वेस्ट बंगाल से वेस्ट को निकालने के पीछे का कारण कुछ यूं सामने आया है। पिछले महीने दिल्ली में हुई इंटर-स्टेट मीटिंग में प्रधानमंत्री मोदी ने सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से ‘ए’ से ‘डब्ल्यू’ के अल्फाबेटिकल ऑर्डर में बात करनी थी और उनकी समस्याएं सुननी थी लेकिन वेस्ट होने के कारण ममता को अपनी बात कहने के लिए 6 घण्टे तक इंतज़ार करना पड़ा क्योंकि उनका नंबर 28 था। जिस बात से वह काफी गुस्सा हो गई थी और 6 घंटे बाद जब ममता ने अपनी बातें सामने रखनी शुरू की तो उन्हें सिर्फ 10 मिनट ही मिले क्योंकि उन्हें यह कह दिया गया कि वक़्त की कमी है। ममता का कहना है कि आखिरी नंबर होने के कारण उनकी बात पर ज्यादा गौर नहीं किया गया जिससे ममता काफी दुखी और नाराज हुईं। वहीँ पर ममता ने राज्य का नाम बदलने का सोचा ताकि अल्फाबेटिकल ऑर्डर में उनका नंबर आगे आ सके। कैबिनेट ने वेस्ट बंगाल का नाम अंग्रेजी में बंगाल और बाकी भाषाओं में बांग्ला या बोंगो और करने की मंजूरी दी है। राज्य के एक सीनियर अफसर ने बताया कि अगर विधानसभा में नए नाम को मंजूरी मिलती है तो अल्फाबेटिकल ऑर्डर में राज्य का स्थान 28 से सीधे 4 हो जाएगा जिससे वे सेशन के पहले हाफ में ही लोकल मुद्दों को उठा सकेंगे।