जापान को एक अजीब ग़रीब मसला का सामना है। एक साल के अंदर अंदर मर्द मोटे और औरतें दुबली होरही हैं। जापानी काबीना के एक दफ़्तर के एक ताज़ा तरीन तख़मीना(अंदाजा) के बमूजब 31 फ़ीसद मर्द जिन की उमर 20 से 60 साल तक हैं, फ़िलहाल मोटे जिस्मानी हुजम का ईशारीया 25 है जबकि 1995 में ये तादाद 25.3 फ़ीसद थी।
वज़ारत सेहत, मेहनत और फ़लाह बहबूद की सालाना फ़लाही रिपोर्ट 2010 के बमूजब क़ौमी सेहत-ओ-तग़ज़िया के सर्वे से पता चला है कि 20 की दहाई की उम्र वाली 29 फ़ीसद औरतें इस के बरख़िलाफ़ बहुत ज़्यादा दुबली (जिस्मानी हुजम का ईशारीया 18.5 से भी कम) हैं। दरहक़ीक़त 2005 में 20 की दहाई की उम्र वाली 21.9 फ़ीसद औरतें बहुत दुबली थीं। गुज़श्ता 15 साल में औरतों में मोटापे की शरह में नुमायां कमी हुई है। 1995 में 20 ता 60 साल उमर वाली 26 फ़ीसद औरतें मोटी थीं। 2005 में ये फ़ीसद कम होकर 24.6 फ़ीसद और 2010 में 22.2 फ़ीसद होचुका है।
काबीना के दफ़्तर बराए फ़रोग़ शोकोको के ओहदेदार फूको सैनू ने कहा के नौजवान जापानी औरतों की ये ग़लतफ़हमी है के दुबली औरतें हसीन होती हैं चुनांचे वज़ारत सेहत खासतौर पर मुतास्सिर कुन नौजवान औरतों पर तवज्जा मर्कूज़ कररही है और उन्हें सेहत के फ़वाइद और जिस्म का वज़न हसब मामूल (बराबर)बरक़रार रखने के फ़वाइद के बारे में मालूमात फ़राहम(हासिल) कररही है।
दूसरी तरफ़ वज़ारत ज़राअत ने एक मुहिम जिसे संजीदगी से खाना कहा जाता है, शुरू कर रखी है। जापान के तमाम फ़ैशन और रुजहानात के रिसाले अब हुकूमत के इश्तिहारात शाय कररहे हैं जिन में हुकूमत औरतों को बहुत ज़्यादा दुबले होने के खतरों के बारे में इंतिबाह(आगह ) कर रही है। ये साईंसी एतबार से साबित होचुका है के दुबली औरतों के नोमोलूद बच्चों का वज़न पैदाइश के वक़्त कम होता है।