जापान ने इस बात के संकेत दिए है कि वो भारत के साथ 12 शिनमायवा यूएस-2 एम्फीबियस विमानों के सौदे को लेकर कीमतों में कटौती कर सकता है। यदि यह एयरक्राफ्ट डील हो जाती है तो इससे भारत और जापान के बीच रक्षा और सुरक्षा सहयोग में और मजबूती आएगी तथा चीन के लिए भी एक प्रतीकात्मक संदेश जाएगा जिसका दोनों देशों के लिए बड़ा महत्व है।
दोनों देश चीनी आक्रामता के शिकार रहे हैं। जापानी रक्षा मंत्रालय के सूत्र के बताया, “यदि यह सौदा अंजाम तक पहुंच जाता है तो इससे हमारे और भारत के संबंधों में गहरा सकारात्मक असर पड़ेगा। कीमतों को लेकर हम भारत की चिंताए समझते हैं।
कीमतें कई चीजों को प्रभावित कर रही हैं। हम यह आर्थिक लाभ कमाने के लिए नहीं कर रहे हैं बल्कि भारत के साथ दोस्ताना संबंध होने के नाते कर रहे हैं। कीमतों में भी जितना हो सकेगा उतनी कमी की जा सकती है।” इस वर्ष के अंत में एक वार्षिक सम्मेलन में भाग लेने के लिए पीएम मोदी को जापान का दौरा करना है ऐसे में जापान को उम्मीद है कि इससे इस सौदे को लेकर बातचीत को तेजी मिल सकती है।
अपनी छोटी उड़ान भरने की क्षमता के लिए मशहूर इस विमान को अंडमान निकोबार द्वीप समूह में तैनात किया जाना था। पिछले वर्ष प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जापानी प्रधानमंत्री शिंजो आबे के बीच हुई बैठक के बाद दोनों देशों ने एक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे जिसके अनुसार दोनों देश एक दूसरे के साथ रक्षा उपकरणों से संबंधित तकनीक का आदान प्रदान कर सकेंगे। तब दोनों नेताओं ने कहा था कि वो रक्षा तकनीक और आपसी उत्पादन से आपसी रिश्तों को और मजबूत करना चाहते हैं।