जामा मस्जिद दिल्ली के पास गै़रक़ानूनी तामीरात, ए एस आई को कार्रवाई की अदालती हिदायत

सोलहवीं सदी ईसवी की तामीर कर्दा जामा मस्जिद दिल्ली से मुत्तसिल (करीब) मुबय्यना (कथित तौर पर) गै़रक़ानूनी तामीरात पर ब्रहम दिल्ली हाइकोर्ट ने आज सरकारी महकमों बिशमोल आरक्योलोजीकल सर्वे आफ़ इंडिया (ए एस आई) को हिदायत दी कि वो जामा मस्जिद दिल्ली जैसी तारीख़ी इमारत के क़रीब गै़रक़ानूनी तामीरात के नतीजा में इस इमारत के मसख़ होने के इंसिदाद ( नीवारण/ रोक) के लिए फ़ौरी कार्रवाई करे।

मुबय्यना तौर पर मस्जिद के शाही इमाम और इनके रिश्तेदारों ने मस्जिद से मुत्तसिल(करीब) गै़रक़ानूनी तामीरात की हैं। दिल्ली के एक शहरी ने सवाल किया कि ये (गै़रक़ानूनी तामीरात) जामा मस्जिद से मुत्तसिल कैसे जारी हैं।

जस्टिस विपिन सिंघी ने कहा कि शहर की पुलिस, दिल्ली डेवलपमेंट अथॉरीटी और मजलिस बलदिया दिल्ली को इस पर जवाबदेही करनी चाहीए और दिल्ली के शहरी सुहैल अहमद ख़ान की पेश कर्दा दरख़ास्त पर फ़ौरी कार्रवाई करनी चाहीए।

अदालत ने तारीख़ी मस्जिद के शाही इमाम मौलाना सैयद अहमद बुख़ारी और उन के 3 भाईयों सैयद हसन बुख़ारी, सैयद यहया बुख़ारी और सैयद तारिक़ बुख़ारी को नोटिसें जारी करते हुए मुक़द्दमा की आइन्दा समाअत ( सुनवायी) की तारीख़ 17 जुलाई मुक़र्रर कर दी।

डायरेक्टर जनरल ए एस आई डिप्टी कमिशनर मजलिस बलदिया दिल्ली (मुताल्लिक़ा ज़ोन) और डी सी पी मर्कज़ी ज़िला को अदालत की जानिब से हिदायत दी गई है कि इस मुआमला का जायज़ा लें और मुबय्यना(उक़्त) तामीरात फ़ौरन रोक दें।

दरख़ास्त गुज़ार ने वुकला सी प्रकाश और राजेश कुमार यादव के तवस्सुत से अदालत में दरख़ास्त पेश करते हुए इल्ज़ाम आइद किया (आरोप लगाया) कि शाही इमाम और उन के 3 भाई मस्जिद से मुत्तसिल (मस्जिद के करीब/ निकट) गै़रक़ानूनी तामीरात जारी रखे हुए हैं।

उन्होंने अपनी दरख़ास्त में ये भी इल्ज़ाम आइद किया कि बुख़ारी बिरादरान मस्जिद के अहाता में गै़रक़ानूनी क़ब्ज़े कर रहे हैं। नाजायज़ क़ब्ज़ों के इलावा जामा मस्जिद के अतराफ़-ओ-अकनाफ़ एक दूसरे के साथ गठजोड़ करके चारों बुख़ारी बिरादरान ( भाईयों) ने हाल ही में मस्जिद से मुत्तसिल तामीरात का आग़ाज़ (शुरूआत) कर दिया है।